बिहार के मुजफ्फरपुर में पीएम किसान सम्मान निधि में 18 करोड़ की राशि का फर्जीवाड़ा हुआ है, इस फर्जीवाड़े में 11600 अपात्र किसानों ने 18 करोड़ की राशि का लाभ उठाया है. इस मामले के संज्ञान में आने के बाद कृषि विभाग ने नोटिस भेज कर रकम वापसी करने का निर्देश दिया है. वहीं अब चिन्हित किसानों पर कार्रवाई भी शुरू की जाएगी. चिन्हित अपात्र किसानों को कृषि विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है. इसके बाद किसानों में हड़कंप मचा हुआ है.
एक अच्छी बात ये है कि कुछ किसानों ने नोटिस मिलने के बाद पैसे भी लौटाए हैं. इसमें 22 लाख रुपये की वापसी हो गई है. कार्रवाई में कहा गया है कि अपात्र किसानों ने अगर पैसा नहीं लौटाया तो उनका खाता बंद कर दिया जाएगा और मुकदमा भी दर्ज हो सकता है.
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पीएमओ ने इस पूरे मामले को संज्ञान में लिया. पीएमओ ने आधार लिंक्ड खाते की छानबीन में पाया कि पीएम किसान की राशि में गड़बड़ी हुई है. इसमें कुछ किसान ऐसे भी हैं जो टैक्स देते हैं, लेकिन वे पीएम किसान का पैसा उठाते हैं. पीएम किसान का नियम कहता है कि जो लोग टैक्स देते हैं, उन्हें पीएम किसान योजना का लाभ नहीं मिलेगा. इसी नियम के आधार पर बिहार के अपात्र किसानों पर कार्रवाई की जा रही है.
इस पूरे मामले को लेकर मुजफ्फरपुर जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि विभाग इसे लेकर सख्त है. जिस भी किसान की पहचान हुई है, यदि वे पैसा वापस नहीं करते हैं तो उनका खाता होल्ड कर विभागीय निर्देशानुसार कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले में कुछ किसानों ने 18 करोड़ में 22 लाख रुपये की वापसी की है.
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जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने बताया कि जिले में 11600 के करीब किसानों ने नियम के विपरीत जाकर पैसा गलत तरीके से उठाया है. उनकी पहचान कर प्रखंडवार नाम के साथ सूची तैयार कर नोटिस भेजा गया है. उन्होंने बताया कि सच को छुपाकर जिन लोंगो ने आवेदन किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. जांच में यह बात सामने आई कि सबसे ज्यादा कुढ़नी, मोतीपुर, मीनापुर और मुरौल में इस तरह के मामले हुए हैं.
जिला कृषि पदाधिकारी राजन बालन ने बताया कि किसानों ने आयकर रिटर्न भरा है जो कि पीएम किसान के दायरे में नहीं आता. यानी जो किसान टैक्स के दायरे में आते हैं, वे पीएम किसान का लाभ नहीं ले सकते. इसमें यह भी पाया गया कि जिन किसानों की आय प्रति माह दस हजार से अधिक है, वैसे किसानों को केंद्र सरकार द्वारा चिन्हित किया गया है. अभी तक जिले से जो सूची प्राप्त हुई है उसमें 11600 किसान हैं, जिसमें आयकर रिटर्न वाले 6800 और अन्य कारणों से लाभ लेने वाले 4800 किसान शामिल हैं.
इस घटना के प्रकाश में आने के बाद जिला कृषि अधिकारी ने कहा है कि किसान अपनी मर्जी से पीएम किसान का पैसा वापस कर दें या कार्रवाई के लिए तैयार रहें. कृषि अधिकारी के मुताबिक फर्जीवाड़े में 18 करोड़ रुपये की राशि वसूली जानी है जिसकी कार्रवाई शुरू हो गई है. इस संबंध में किसानों को नोटिस भी भेजा गया है. अब तक 22 लाख रुपये की वापसी भी हो गई है.
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