नए साल की शुरुआत के साथ ही राज्य सरकार ने लोगों को पेंशन दिए जाने की उम्रसीमा में 10 साल कम कर दिए हैं. झारखंड सरकार ने पेंशन स्कीम्स का लाभ लेने के लिए उम्र की पात्रता 50 साल कर दी है. राज्य सरकार 5 कैटेगरी में पेंशन सुविधा दे रही है. दिसंबर 2019 से पेंशन कवरेज में 200 प्रतिशत बढ़ गया है. वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने पेंशन पर लगभग 2400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन के लिए योग्यता आयु 60 से घटाकर 50 कर दी है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार उन कंपनियों में स्थानीय लोगों के लिए 75% नौकरियां आरक्षित करेगी जो राज्य में कार्यालय स्थापित करेंगी. पेंशन की उम्र सीमा पर सरकार ने कहा है कि पहले 60 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र था. अब 50 साल की उम्र से पेंशन ले सकेगा, लेकिन वह आयकरदाता नहीं हो और किसी दूसरी पेंशन का लाभार्थी नहीं होना चाहिए.
महिला एवं बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार झारखंड सरकार ने दिसंबर 2019 के बाद से कई श्रेणियों में अपने पेंशन कवरेज में 200 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की है. राज्य सरकार 5 कैटेगरी में लोगों को पेंशन देती है और 2022-23 वित्तीय वर्ष में पेंशन पर लगभग 2400 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.
वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत मार्च 2023 तक 14.25 लाख लाभार्थियों को भुगतान किया गया. यह संख्या 31 दिसंबर 2019 तक 3.45 लाख थी. विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के पेंशन लाभार्थियों की संख्या 52,336 से बढ़कर 70,577 हो गई है. वहीं, निराश्रित महिला पेंशन के लाभार्थी 1.72 लाख से बढ़कर 3.79 लाख हो गए हैं. पेंशन पाने वाले एचआईवी एड्स रोगी लाभार्थियों की संख्या 3375 से बढ़कर 5778 हो गई है. इसी तरह विकलांगता पेंशन लाभार्थियों की संख्या 87,796 से बढ़कर 2.44 लाख पहुंच गई है.
कैग की रिपोर्ट में गया है कि राज्य सरकार ने केंद्र से 69,722 करोड़ रुपये जुटाये हैं. इस रकम का 40 फीसदी वेतन, भत्ते, पेंशन और विकास योजनाओं के लोन पर आए ब्याज भुगतान पर खर्च किया गया. वित्तीय वर्ष 2021-2022 में राज्य सरकार ने वेतन भत्ते पर 13,979 करोड़ रुपये खर्च किए. जबकि, पेंशन भुगतान पर 7614 करोड़ रुपये और ब्याज भुगतान पर 6,286 करोड़ रुपये खर्च किए.
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