बिहार में 800 कृषि सखियों की होगी नियुक्ति, महिला किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

बिहार में 800 कृषि सखियों की होगी नियुक्ति, महिला किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

खेती की लागत कम करने और इसे लाभ का धंधा बनाने के लिए सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करेगी. इसके लिए कृषि सखियों की भर्ती की जाएगी जो किसानों को प्राकृतिक खेती की जानकारी देंगी. इससे किसानों को सीधा फायदा होगा.

Advertisement
बिहार में 800 कृषि सखियों की होगी नियुक्ति, महिला किसानों को मिलेगा सीधा लाभबिहार में महिला किसानों की होगी नियुक्ति

बिहार सरकार किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसके तहत राज्य में 800 कृषि सखियों की भर्ती की जाएगी. ये सखियां किसानों को प्राकृतिक खेती की जानकारी देंगी और उन्हें रासायनिक खेती के विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी. इसका सीधा लाभ महिला किसानों और ग्रामीण समाज को होगा.

क्या होती हैं कृषि सखी?

कृषि सखी एक प्रशिक्षित महिला कार्यकर्ता होती है, जो गांवों में जाकर किसानों को प्राकृतिक खेती के तौर-तरीकों के बारे में बताती है. ये सखियां किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन देने के साथ-साथ प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी सहायता करती हैं. इनका चयन ग्रामीण महिलाओं में से किया जाएगा.

कृषि सखियों की जिम्मेदारियां

  • किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करना
  • किसानों का पंजीकरण कराना
  • प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना
  • फसल चक्र के अनुसार सलाह देना
  • कृषि वैज्ञानिकों और मास्टर ट्रेनरों से मिलकर मार्गदर्शन देना
  • मोबाइल उपकरणों के ज़रिए समय पर जानकारी देना

ये भी पढ़ें: विदेशों में भारत के गोबर की भारी मांग, नाम दिया ब्राउन गोल्ड, कीमत 40 से 50 रुपये किलो

कितना मिलेगा मानदेय और भत्ता?

हर कृषि सखी को महीने में 16 दिन काम करना होगा. इसके लिए उन्हें हर रोज के हिसाब से और आने-जाने के लिए राशि दी जाएगी:

  • 300 रुपए प्रतिदिन का मानदेय
  • 200 रुपए प्रतिदिन का आने-जाने का भत्ता

इस तरह, एक कृषि सखी को 8,000 रुपए प्रति माह तक की राशि प्राप्त होगी.

कैसे करें कृषि सखी के लिए आवेदन?

अगली नियुक्ति के लिए अभी तक आवेदन प्रक्रिया की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन जल्दी ही पंचायत स्तर पर इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे. आवेदन प्रक्रिया को स्वयं सहायता समूहों (SHG) और ग्राम स्तरीय संस्थाओं के माध्यम से संचालित किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: MP में 1 लाख से ज्‍यादा कुओं को रिचार्ज करने का काम शुरू, किसान जान लें पिट बनाने का सही तरीका

कितने किसानों को होगा लाभ?

इस योजना से बिहार के 50,000 किसानों को सीधा लाभ मिलेगा. सरकार हर किसान को 4,000 रुपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि देगी. 20,000 हेक्टेयर भूमि पर प्राकृतिक खेती कराई जाएगी. 266 जैविक संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां से किसानों को जीवामृत, बीजामृत, घनजीवामृत जैसे प्राकृतिक इनपुट उपलब्ध कराए जाएंगे.

कृषि सखी योजना के ज़रिए बिहार सरकार न केवल किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को रोजगार का अवसर भी दे रही है. इससे खेती को मुनाफे का व्यवसाय बनाने और पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी.

POST A COMMENT