झारखंड के ग्रामीण इलाकों में किसान अतिरिक्त आमदनी के अन्य विकप्ल के रूप में तेजी से पशुपालन की ओर बढ़ रहे हैं. पिछले कुछ सालों से अनियमित मौसम पैटर्न के कारण फसल को काफी नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में खेती से आय घट भी जाए तो उन्हें पशुपालन से आजीविका चलाने में मदद मिल रही है. झारखंड में लगातार दो सालों 2022 और 2023 में सूखे जैसी स्थिति थी. राज्य सरकार ने 2022 में 226 ब्लॉक और 2023 में 158 ब्लॉक को सूखाग्रस्त घोषित किया था. वहीं, इस बार यानी दो साल बाद राज्य में मानसून सीजन में सामान्य बारिश दर्ज की गई.
एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार अतिरिक्त आय के एक आशाजनक स्रोत के रूप में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए जरूरी मदद पहुंचा रही है. सरकार ने मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (एमपीवीवाई) शुरू की है. इस योजना का उद्देश्य दूध, मांस और अंडे के उत्पादन को बढ़ावा देना है. साथ ही मांग और आपूर्ति में अंतर को कम करना है. पिछले महीने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक कार्यक्रम में जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए किसानों को विविधतापूर्ण खेती अपनाने पर जोर देने को कहा था.
सीएम ने कहा था कि राज्य में दूध और मांस की भारी मांग है, लेकिन इन्हें दूसरे राज्यों से आयात किया जाता है. हमारी सरकार किसानों को बढ़ावा देकर मांग को पूरा करने के लिए काम कर रही है. किसान पशुपालन के जरिए अपनी आय बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को कई तरह से मदद कर रही है. एमपीवीवाई योजना में पशुधन खरीदने के लिए सब्सिडी, पशु चिकित्सा, देखभाल और पशुपालन में कौशल विकास कार्यक्रम आदि शामिल हैं.
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रांची के मांडर प्रखंड के रहने वाले एमपीवीवाई के लाभार्थी भुवेश्वर सिंह ने कहा कि उन्हें इस योजना के तहत तीन गायें मिली हैं और अब मवेशियों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है जिससे उनकी आय बढ़ गई है. एक अन्य लाभार्थी सनातन सिंह ने कहा कि वह स्थानीय स्तर पर दूध बेचते थे, लेकिन उन्हें अच्छी कीमत नहीं मिलती थी. अब वह झारखंड मिल्क फेडरेशन के स्वामित्व वाली मेधा डेयरी को दूध बेचते हैं और डीबीटी के माध्यम से दूध का सही मूल्य उनके खाते में आ जाता है.
एमपीवीवाई योजना के तहत 1.56 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिल चुका है. इन्हें सब्सिडी दी गई है. 2024-25 के लिए 90,226 किसानों को लाभ देने के लिए प्रक्रिया चल रही है. अधिकारी ने कहा कि सरकार ने राज्य में पशुओं के लिए बीमा कवरेज के लिए एक पॉलिसी ड्रॉफ्ट भी तैयार किया गया है.
पशुपालकों को डोर स्टेप पशु स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए 10 सितंबर को 236 मोबाइल पशु चिकित्सा इकाइयों (एमवीयू) का शुभारंभ किया जा चुका है. अधिकारी ने बताया कि एमवीयू आधुनिक एम्बुलेंस है, जो प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं, परीक्षण सुविधाओं से लैस है. एमवीयू में पशु चिकित्सक और पैरा-मेडिक्स सेवाएं देंगे.
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