Lightning Strike: अगर किसान की बिजली गिरने से हुई मौत तो कैसे मिलता है मुआवजा, जानें सारी बातें

Lightning Strike: अगर किसान की बिजली गिरने से हुई मौत तो कैसे मिलता है मुआवजा, जानें सारी बातें

Lightning Strike: आकाशीय बिजली से मृत्यु होने पर सरकार आपदा प्रबंधन विभाग के तहत मुआवजा देती है. यह मुआवजा राज्य सरकार के माध्यम से दिया जाता है. इसकी राशि नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड या स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड से जारी की जाती है. भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, बिजली गिरने से मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए तक का मुआवजा मृतक के परिजनों को दिया जाता है.

Advertisement
Lightning Strike: अगर किसान की बिजली गिरने से हुई मौत तो कैसे मिलता है मुआवजा, जानें सारी बातें Lightning Strike: बिजली गिरने से होती है कई किसानों की मौत

रविवार को आई एक खबर ने ज्‍यादातर लोगों को हैरान कर दिया. एक रिपोर्ट के अनुसार मॉनसून की शुरूआत में हुई तेज बारिश और आंधी-तूफान के कारण भारत के कई राज्यों में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें से ज्‍यादातर मौतें बिजली गिरने से हुई हैं. भारत जैसे देश में जहां लाखों किसान खुले खेतों में काम करते हैं, वहां आकाशीय बिजली गिरने से मौत एक गंभीर और दुखद सच्चाई है. हर साल कई किसान इसकी चपेट में आकर जान गंवा देते हैं. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि सरकार ऐसे मामलों में मृतक के परिजनों को मुआवजा देती है. आज हम आपको इसी मुआवजे के बारे में एक-एक बात बताते हैं. जानिए यह मुआवजा कैसे मिलता है, इसकी प्रक्रिया क्या है और इसके लिए किन दस्तावेजों की जरूरत होती है. 

कौन देता है मुआवजा?

आकाशीय बिजली से मृत्यु होने पर सरकार आपदा प्रबंधन विभाग के तहत मुआवजा देती है. यह मुआवजा राज्य सरकार के माध्यम से दिया जाता है. इसकी राशि नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड या स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड से जारी की जाती है. भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार, बिजली गिरने से मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए तक का मुआवजा मृतक के परिजनों को दिया जाता है. यह राशि राज्य सरकार की सिफारिश और प्रक्रिया पर निर्भर करती है. 

मुआवजे के लिए जरूरी दस्तावेज 

मृतकों के परिजनों को नीचे दिए गए दस्तावेज जमा करने होते हैं:

  • मृत्यु प्रमाण पत्र
  • पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट या मेडिकल रिपोर्ट
  • एफआईआर या पुलिस रिपोर्ट जिससे बिजली गिरने की पुष्टि हो
  • स्थानीय पटवारी/लेखपाल की रिपोर्ट
  • आधार कार्ड या पहचान पत्र (मृतक और वारिस दोनों के)
  • वारिस प्रमाण पत्र या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र

कैसे करें आवेदन

  • अपने निकटतम तहसील या ब्लॉक कार्यालय में जाएं
  • तहसीलदार / राजस्व अधिकारी से संपर्क करें
  • निर्धारित आपदा राहत फॉर्म भरें
  • सभी जरूरी दस्तावेजों के साथ जमा करें  

कब तक मिलता है मुआवजा 

वैरीफिकेशन के बाद जिला प्रशासन की तरफ से मुआवजे की राशि मंजूरी की जाती है. अगर सभी दस्तावेज सही हैं और प्रक्रिया समय से पूरी हो जाए तो आमतौर पर 30 से 60 दिनों के अंदर मुआवजा बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाता है. 

यह भी पढ़ें- 

POST A COMMENT