Madhya Pradesh: सीहोर की शान 'शरबती' गेहूं को मिला GI टैग, अब इसकी खासियत जान लीजिए

Madhya Pradesh: सीहोर की शान 'शरबती' गेहूं को मिला GI टैग, अब इसकी खासियत जान लीजिए

बाजारों में सीहोर का शरबती गेहूं अन्य किस्मों के गेहूं से ज्यादा महंगा बिकता है. बाकी गेहूं की तुलना में इस गेहूं का रेट हमेशा डेढ़ से दोगुना तक महंगा बिकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस गेहूं के आटे की रोटी बहुत मुलायम और सफेद होती है. खाने में भी इसका स्वाद बाकी रोटी से बेहतर होता है.

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Madhya Pradesh: सीहोर की शान 'शरबती' गेहूं को मिला GI टैग, अब इसकी खासियत जान लीजिएसीहोर के शरबती गेहूं को मिला जीआई टैग

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के शरबती गेहूं को सर्वाधिक उत्पादक का जीआई टैग जारी हो गया है. अपने बेहतरीन स्वाद और सोने जैसी पीली चमक के लिए देश भर में प्रसिद्ध सीहोर के शरबती गेहूं को जीआई टैग जारी किया गया है. सीहोर जिला जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी प्रेस नोट के मुताबिक शरबती गेहूं को आवेदन क्रमांक 699 के संदर्भ में जीआई टैग जारी किया गया है. जीआई टैग मिलने से इस गेहूं की विदेशों में भी पहुंच बढ़ेगी और विदेश के लोग भी इस गेहूं के आटे का भरपूर स्वाद ले सकेंगे. 

मिली जानकारी के मुताबिक अपने बेहतरीन स्वाद और सोने जैसी चमक के लिए देश भर में प्रसिद्ध सीहोर के शरबती गेहूं को जीआई टैग जारी किया गया है. सीहोर के शरबती गेहूं की देश भर में डिमांड रहती है. कई प्रदेशों में व्यापारियों के द्वारा इस गेहूं को मंगाया जाता है. इसका दाना छोटा और चमकीला रहता है. इस गेहूं की रोटियों में फाइबर, प्रोटीन और विटामिन बी और ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. घरों सहित बड़े-बड़े होटलों में शरबती गेहूं की रोटियां बनाई जाती हैं. शरबती गेहूं को आवेदन क्रमांक 699 के संदर्भ में जीआई टैग जारी किया गया है.

अन्य गेहूं से महंगा बिकता है शरबती गेहूं 

बाजारों में सीहोर का शरबती गेहूं अन्य किस्मों के गेहूं से ज्यादा महंगा बिकता है. बाकी गेहूं की तुलना में इस गेहूं का रेट हमेशा डेढ़ से दोगुना तक महंगा बिकता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस गेहूं के आटे की रोटी बहुत मुलायम और सफेद होती है. खाने में भी इसका स्वाद बाकी रोटी से बेहतर होता है. यही वजह है कि इस गेहूं को व्यापारी हाथों हाथ खरीद लेते हैं. जहां लोकल और अन्य किस्म का गेहूं 1800 से लेकर 2500 रुपये तक बिकता है. वहीं शरबती गेहूं 4500 रुपये तक बिक जाता है. इसका उत्पादन भी ज्यादा होता है. 

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सीहोर में सबसे अधिक होता है शरबती गेहूं

डॉ. एसएस तोमर, कृषि मौसम विस्तार अधिकारी ने बताया कि शरबती गेहूं को जीआई टैग मिला है, इसके लिए किसान बधाई के पात्र हैं. यहां के शरबती गेहूं में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. सीहोर में विशेष प्रकार की जलवायु इसके बेहतर उत्पादन के लिए अच्छा होता है. यहां की भूमि और पानी की वजह से गेहूं में चमक बहुत अच्छी आती है. प्रोटीन के साथ ही उत्पादन अच्छा होता है. यहां के गेहूं की रोटियां नरम और पचने में भी आसान होती हैं.

sharbati wheat
शरबती गेहूं को मिला जीआई टैग

सीहोर जिला कृषि विभाग के मुताबिक, शरबती गेहूं देश में उपलब्ध गेहूं की सबसे प्रीमियम किस्म है. शरबती गेहूं की सीहोर क्षेत्र में बहुतायत में पैदावार की जाती है. सीहोर क्षेत्र में काली और जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी है जो शरबती गेहूं के उत्पादन के लिए उपयुक्त है. शरबती गेहूं को 'द गोल्डन ग्रेन' भी कहा जाता है, क्योंकि इसका रंग सुनहरा होता है. यह हथेली पर भारी लगता है और इसका स्वाद मीठा होता है, इसलिए इसका नाम शरबती है. 

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जैसा कि नाम से पता चलता है, शरबती किस्म का गेहूं टेस्ट में थोड़ा मीठा होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि अन्य गेहूं की किस्मों की तुलना में इसमें ग्लूकोज और सुक्रोज़ जैसे सरल शर्करा की मात्रा अधिक होती है. जिला सीहोर में शरबती गेहूं 40390 हेक्टेयर क्षेत्र में बोया जाता है और वार्षिक उत्पादन 109053 मिलियन टन है.

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