बिहार की धरती से ताल्लुक रखने वाले कई उत्पादों को जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग मिल चुका है. वहीं, अब अन्य उत्पादों को भी आसानी से यह मान्यता मिले, इसको लेकर बिहार कृषि विश्वविद्यालय (BAU), सबौर ने जीआई सुविधा केंद्र की शुरुआत की है. यह केंद्र जीआई टैग प्राप्ति की प्रक्रिया को तेज करेगा. इसके साथ ही जीआई उत्पादों की ब्रांडिंग, उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ाने और वैश्विक बाजार में बिहार के उत्पादों की मजबूत स्थिति सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है. 36 लाख रुपये की लागत से बने इस केंद्र का उद्घाटन बीएयू के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह और नाबार्ड, पटना के मुख्य महाप्रबंधक बिनय कुमार सिन्हा द्वारा किया गया.
बीएयू के कुलपति डॉ. डी.आर. सिंह ने कहा, "जीआई सुविधा केंद्र न केवल बिहार के पारंपरिक कृषि उत्पादों को पहचान और संरक्षण प्रदान करेगा, बल्कि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिहार की मजबूत उपस्थिति सुनिश्चित करने में भी सहायक होगा. यह केंद्र अनुसंधान और प्रमाणन का प्रमुख केंद्र बनेगा और बिहार के कृषि विकास में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा.
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नाबार्ड, पटना के मुख्य महाप्रबंधक बिनय कुमार सिन्हा ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा,"जीआई सुविधा केंद्र से बिहार के विशिष्ट कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी. नाबार्ड इस पहल को हर संभव सहायता प्रदान करेगा.
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