Economic Survey: सरकार ने सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए क्‍या-क्‍या किया? सर्वे से मिली बड़ी जानकारी

Economic Survey: सरकार ने सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए क्‍या-क्‍या किया? सर्वे से मिली बड़ी जानकारी

केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में आर्थि‍क सर्वेक्षण को लेकर समीक्षा पेश की. रिपोर्ट में कृषि क्षेत्र को लेकर विस्‍तार से जानकारी दी गई है. ऐसे में जानिए सरकार ने सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए क्‍या-क्‍या किया?

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सरकार ने सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए क्‍या-क्‍या किया? सर्वे से मिली बड़ी जानकारीसिंचाई क्षेत्र में सरकार ने किए ये काम

केंद्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक समीक्षा 2024-25 पेश की. निर्मला सीतारमण ने सरकार के द्वारा कृषि क्षेत्र में कि‍ए गए कामों और उनसे हासिल परिणामों को लेकर जानकारी दी. उन्‍होंने सदन में बताया कि सरकार ने सिंचाई सुविधाओं को आसान बनाने के लिए कृषि विकास और जल संरक्षण को प्राथमिकता दी है. मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 और वित्त वर्ष 2020-21 के बीच सिंचाई क्षेत्र का कवरेज सकल फसली क्षेत्र (जीसीए) 49.3 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया है, जबकि सिंचाई की डेन्सिटी 144.2 प्रतिशत से बढ़कर 154.5 प्रतिशत हो गई है.

प्रति बूंद अधिक फसल के तहत 95.58 लाख हेक्‍टेयर क्षेत्र कवर

आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2015-16 से सरकार ने जल दक्षता को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के एक घटक- प्रति बूंद अधिक फसल (पीडीएमसी) पहल को लागू किया हुआ है. पीडीएमसी योजना को चलाने के लिए राज्यों को 21968.75 करोड़ रुपए जारी किए गए. इस राशि का इस्‍तेमाल कर सिंचाई के लिए 95.58 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया, जो प्री-पीडीएमसी अवधि की तुलना में लगभग 104.67 प्रतिशत ज्‍यादा है.

लघु सिंचाई कोष के तहत राज्‍यों को दि‍ए 3640 करोड़ रुपये

लघु सिंचाई कोष (एमआईएफ) के तहत राज्यों को मिलने वाले लोन पर 2 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के माध्यम से नए प्रोजेक्‍ट को चलाने में मदद की जाती है. इसके तहत अब तक 4709 करोड़ रुपये की लोन राशि मंजूर की गई है.वहीं, इसमें से अब तक 3640 करोड़ रुपये की राशि राज्‍यों को बांटी जा चुकी है.

वर्षा आधारित क्षेत्र विकास कार्यक्रम

वर्षा आधारित क्षेत्र विकास (आरएडी) कार्यक्रम को वित्त वर्ष 2014-15 से राष्ट्रीय सतत कृषि मिशन (एनएमएसए) के अंग के रूप में कृषि प्रणालियों के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों के विकास और संरक्षण के लिए लागू किया गया है. इसके आरंभ से अब तक, आरएडी कार्यक्रम के तहत 8.00 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 1,858.41 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं.

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए दो योजनाएं शुरू की

वित्‍त मंत्री ने बताया कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2015 से दो योजनाएं- परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) और पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन चलाई हैं. पीकेवीवाई के तहत 14.99 लाख हेक्टेयर और 25.30 लाख किसानों को कवर करने वाले 52,289 क्लस्टर स्थापित किए जा चुके हैं. इसी तरह, एमओवीसीडीएनईआर के तहत 434 किसान उत्पादक कंपनियां बनाई जा चुकी हैं, जो कुल 1.73 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हैं और 2.19 लाख किसानों को फायदा पहुंचाती हैं.

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