Copra MSP: केंद्र सरकार ने नारियल की MSP बढ़ाई, एकमुश्त 420 रुपये की हुई बढ़ोतरी

Copra MSP: केंद्र सरकार ने नारियल की MSP बढ़ाई, एकमुश्त 420 रुपये की हुई बढ़ोतरी

केंद्र सरकार ने नारियल (कोपरा) की MSP बढ़ा दी है. बता दें कि मिलिंग कोपरा का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है, जबकि बॉल, खाद्य खोपरा को सूखे फल के रूप में खाया जाता है और धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है. केरल और तमिलनाडु मिलियन कोपरा के प्रमुख उत्पादक है.

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Copra MSP: केंद्र सरकार ने नारियल की MSP बढ़ाई, एकमुश्त 420 रुपये की हुई बढ़ोतरीनारियल की MSP बढ़ी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 2025 मौसम के लिए कोपरा (नारियल) के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है. किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने के लिए सरकार ने 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि सभी अनिवार्य फसलों का एमएसपी अखिल भारतीय भारित उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना स्तर पर तय किया जाएगा. 2024 सीज़न के लिए मिलिंग खोपरा की उचित औसत गुणवत्ता के लिए एमएसपी 11,582  रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 12,100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है.

कोपरा MSP 420 रुपये बढ़ी

मिलिंग कोपरा का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है, जबकि बॉल, खाद्य खोपरा को सूखे फल के रूप में खाया जाता है और धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है. केरल और तमिलनाडु मिलियन कोपरा के प्रमुख उत्पादक है, जबकि बॉल कोपरा का उत्पादन मुख्य रूप से कर्नाटक में होता है.

2025 मौसम में मिलिंग कोपरा के लिए एमएसपी में पिछले मौसम की तुलना में 420 रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के मूल्य में 100 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है. पिछले 10 वर्षों में सरकार ने मिलिंग खोपरा और बॉल कोपरा के लिए एमएसपी को 2014-15 में 5,250 रुपये प्रति क्विंटल और 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2025 में 11,582  रुपये प्रति क्विंटल और 12,100 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया जिसमें लगभग 121 प्रतिशत और 120 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

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किसानों को मिलेगा प्रोत्साहन

उच्च एमएसपी न केवल नारियल उत्पादकों के लिए बेहतर लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करेगा, बल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कोपरा उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी करेगा. इससे दक्षिण भारत के किसान अधिक मात्रा में कोपरा की खेती करके अपनी आय को दोगुनी करेंगे.

छिलके रहित नारियल की खरीद

भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (नैफेड) और राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत कोपरा और छिलके रहित नारियल की खरीद के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनए) के रूप में कार्य करना जारी रखेंगे.

नारियल तेल के दाम में उछाल

आजकल नारियल किसानों में बहुत खुशी है. अर्से बाद नारियल तेल के दाम में बड़ी तेजी देखी जा रही है. नारियल तेल के दाम में उछाल की वजह से नारियल (कोपरा) के भाव भी मजबूत बने हुए हैं. इसका सीधा फायदा किसानों को हो रहा है. पिछले महीने के आंकड़ो के अनुसार नारियल तेल का भाव 200 रुपये किलो चल रहा था जो कि कमाई के लिहाज से अच्छा है. व्यापारियों का कहना है कि दिवाली के बाद से तेल के भाव में तेजी है.

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