बिहार के किसानों को राज्य सरकार की मुख्यमंत्री बागवानी मिशन योजना के तहत बड़ा फायदा होने वाला है. अब राज्य सरकार फल और फूल की खेती के लिए आधा खर्च खुद उठाएगी. पपीते और गेंदे की खेती पर सरकार 70 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है. अगर आपके पास 0.25 एकड़ भी जमीन है तो आप इस योजना के लिए पात्र है. वहीं इसकी अधिकतम सीमा 10 एकड़ है. इसके अलावा बिना जमीन वाले लोग लीज पर जमीन लेकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं. योजना के तहत गेंदा, केला, पपीता और आम की खेती पर सब्सिडी मिलेगी.
इस योजना का फायदा भूमि वाले किसान और बिना भूमि वाले किसान कॉन्ट्रैक्ट (एकरारनामा) बनाकर उठा सकते हैं. आवेदक का नाम भूमि-स्वामित्व या राजस्व रसीद में साफ नहीं है तो अनिवार्य रूप से भूमि-स्वामित्व या राजस्व रसीद के साथ वंशावली लगाकर आवेदन कर सकते हैं. नियम के अनुसार, सब्सिडी की राशि डीबीटी के तहत सीधे लाभार्थी के खाते में आएगी. इच्छुक किसान आवेदन से पहले डीबीटी में रजिस्टर्ड बैंक खाते से जुड़ी जानकारी की जांच खुद कर सकते हैं.
लाभार्थियों का चयन श्रेणी के आधार पर किया जाएगा. योजना में 78.56 फीसदी सामान्य वर्ग की हिस्सेदारी होगी, अनुसूचित जाति 20 फीसदी और अनुसूचित जनजाति की भागीदारी 1.44 प्रतिशत होगी. वहीं, इन सभी श्रेणियों में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की रहेगी. जाति वर्ग के आधार पर सब्सिडी में अंतर रहेगा.
योजना का लाभ उठाने के लिए किसान बिहार सरकार की उद्यान निदेशालय की वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते है. वहीं, भूमिहीन किसान इस पोर्टल से एकरारनामा का फॉर्मेट भी निकाल सकते हैं. पोर्टल पर किसान अलग-अलग योजनाओं में आवेदन अलग से कर सकते हैं.
प्रदेश में 23 जिलों पटना, औरंगाबाद, बांका, बेगूसराय, पूर्वी चम्पारण, गया, अररिया, भागलपुर, दरभंगा,जमुई, कटिहार, मुजफ्फरपुर, नालन्दा, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, वैशाली, पश्चिमी चंपारण, खगड़िया, किशनगंज, मधुबनी और मुंगेर में केला का क्षेत्र विस्तार किया जाएगा.
गेंदा फूल की खेती के लिए राज्य के पटना, पूर्वी चंपारण, गया, जमुई, कटिहार, अररिया, औरंगाबाद, भागलपुर, दरभंगा, बांका, बेगूसराय, पूर्णिया, रोहतास, सहरसा, समस्तीपुर, वैशाली और पश्चिमी चंपारण, खगड़िया, किशनगंज, मधुबनी, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, नालंदा जैसे 23 जिलों के किसान योजना का फायदा उठा सकेंगे. इसमें एक किसान को कम से कम 0.25 एकड़ और अधिकतम 10 एकड़ तक जमीन के लिए योजना का लाभ मिल सकता है. इसमें 70 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी.
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