Bihar Agriculture News:शारदीय (खरीफ) सीजन में जहां बिहार के अंदर बड़े पैमाने पर धान की खेती होती है. हालांकि इस सीजन में छोटे स्तर पर प्याज की भी खेती होती है. अब प्याज की खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग की ओर से शारदीय (खरीफ) प्याज का क्षेत्र विस्तार योजना की शुरुआत की गई है. इसके लिए 202.125 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि योजना का मुख्य मकसद शारदीय (खरीफ) प्याज के खेती क्षेत्र का विस्तार कर कुल उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना है ताकि किसानों को सीधा आर्थिक लाभ मिल सके. इस योजना के तहत प्याज की खेती के लिए लघु, सीमांत और बटाईदार किसानों को सब्सिडी का लाभ मिलेगा.
कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि शारदीय (खरीफ) सीजन में प्याज की खेती विस्तार को लेकर शुरू की गई, योजना लाभ राज्य के 18 जिलों बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, बक्सर, दरभंगा, गोपालगंज, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, नालन्दा, पटना, रोहतास, समस्तीपुर, सारण, शेखपुरा, सीतामढ़ी, सिवान और वैशाली के किसानों को मिलेगा. वहीं, शारदीय (खरीफ) प्याज की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 10 किलोग्राम बीज की जरूरत निर्धारित की गई है. बीज का वितरण 2450 रु प्रति किलोग्राम या वास्तविक दर जो भी कम हो उस पर किया जाएगा. वहीं, प्रति हेक्टेयर 24,500 रु की अनुमानित लागत पर किसानों को 75 प्रतिशत अर्थात 18, 375 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से सब्सिडी दी जाएगी.
उपमुख्यमंत्री ने सिन्हा ने कहा कि गुणवत्तायुक्त सत्यापित बीज संबंधित जिलों के सहायक निदेशक (उद्यान) के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा. बीज की सप्लाई राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधा नएवं विकास प्रतिष्ठान, पटना और बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड, पटना के माध्यम से सुनिश्चित की जाएगी. वहीं, इस योजना का लाभ हासिल करने के लिए किसानों का डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य होगा. साथ ही विभागीय वेबसाइट http://horticulture-bihar.gov.in पर ‘‘योजनाओं का लाभ लेने हेतु किसान आवेदन करेंगे. चयन प्रक्रिया ‘‘पहले आओ, पहले पाओ’’ के आधार पर की जाएगी.
राज्य के 18 जिलों में शारदीय (खरीफ)प्याज विस्तार को लेकर शुरू की गई योजना का लाभ लघु,सीमांत एवं बटाई पर खेती करने वाले किसानों को भी मिलेगा. योजना का लाभ लेने के लिए पट्टा या बटाई अनुबंध प्रस्तुत करना होगा. वहीं योजना की पात्रता न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.10 हेक्टेयर) और अधिकतम 5.00 एकड़ (2.00 हेक्टेयर) भूमि के लिए होगी. बिहार सरकार द्वारा लागू की गई यह योजना प्याज उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास है.
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