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कृषि रोडमैप-4: बिहार सरकार सालाना 57 करोड़ लीटर इथेनॉल का करेगी उत्पादन, किसानों को मिलेगा फायदा 

कृषि रोडमैप-4: बिहार सरकार सालाना 57 करोड़ लीटर इथेनॉल का करेगी उत्पादन, किसानों को मिलेगा फायदा 

चतुर्थ कृषि रोड मैप के जरिये उद्योग विभाग मक्का पशु आहार सहित इथेनॉल उत्पादन पर विशेष जोर देगी. वहीं आने वाले एक अप्रैल से चतुर्थ रोडमैप लागू करने का लक्ष्य रखा गया है.

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 बिहार सरकार सलाना 57 करोड़ लीटर इथेनॉल का करेगी उत्पादन, फोटो क्रेडिट: आज तक  बिहार सरकार सलाना 57 करोड़ लीटर इथेनॉल का करेगी उत्पादन, फोटो क्रेडिट: आज तक

बिहार सरकार कृषि व्यवस्था के जरिए किसानों को आत्मनिर्भर बनाने लिए कृषि रोडमैप-4 को अंतिम रूप दे रही है. 2023 से 2028 तक के लिए बन रहे कृषि रोडमैप-4 में कृषि विभाग के लिए कई प्रस्तावित कार्य योजना तैयार किया गया है. इस समया अवधि के दौरान उद्योग विभाग द्वारा कई योजनाओं के जरिए कृषि क्षेत्र से जुड़े कार्य किए जाने हैं. वहीं आगामी पांच वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा इथेलॉन उत्पादन, मक्का से पशु आहार आधारित पोल्ट्री-खाद्य आहार, मछली चारा की 50 इकाइयां स्थापित की जाएंगी. साथ ही मेगा फूड पार्क की भी स्थापना की जाएगी.

बता दें कि कृषि विभाग व पशुपालन,मत्स्य विभाग,उद्योग विभाग सहित कुल 12 विभागों को चतुर्थ रोडमैप में शामिल किया गया है. वहीं उद्योग विभाग के जरिये सरकार कृषि से जुड़े उत्पादों को एक बेहतर बाजार एवं  जुड़े उद्योग को विकसित करने के लिए कार्य करने वाली है.

इथेनॉल, मक्का से  पशु आहार सहित स्टार्च उत्पादन पर जोर देगी सरकार

राज्य को इथेनॉल नीति के अंतर्गत 36 करोड़ लीटर प्रति वर्ष इथेनॉल आपूर्ति का कोटा मिला है. आज के समय में गाड़ियों के फ्यूल के तौर पर इसका उपयोग किया जा रहा है. चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत पांच साल के दौरान प्रति वर्ष 57 करोड़ लीटर इथेनॉल उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. वहीं मक्का से पशु आहार के लिए 2023 से 2028 के बीच 50 इकाइयां स्थापित की जाएंगी. जिनमें 2.5 लाख मीट्रिक टन मक्का प्रसंस्करण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके साथ ही मक्का से स्टार्च उत्पादन को लेकर 10 नये उत्पादन इकाइयां विकसित की जाएंगी.

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शहद व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए सुविधा केंद्र की स्थापना

बिहार शहद उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है. वही सरकार चतुर्थ कृषि रोडमैप के तहत शहद उत्पादन एवं उससे जुड़े हुए प्रसंस्करण को लेकर कई योजनाओं के तहत कार्य करेगी. जिसमें उद्योग विभाग के द्वारा पांच सालों के दौरान शहद प्रसंस्करण में 10 सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है. इसकी प्रतिदिन क्षमता 3 मीट्रिक टन रहने वाली है. हर सामान्य सुविधा केंद्र पर ढाई सौ करोड़ खर्च किया जाएगा. 

मेगा फूड पार्क से लेकर खुलेंगे इरेडिएशन सेंटर और पैक हाउस

सरकार चतुर्थ रोड मैप में तीन नए इरेडिएशन सेंटर खोलेगी. वहीं 5 वर्षों में कुल ₹50 करोड़ निवेश के साथ 5 पैक हाउस बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इस पैक हाउस का प्रयोग फल एवं सब्जियों के प्राथमिक प्रसंस्करण के रूप में किया जाएगा. इसके साथ ही मुजफ्फरपुर के मोतीपुर प्रखंड में मेगा फूड पार्क की स्थापना की जाएगी.