Uttar Pradesh News: योगी सरकार की बीसी सखी (बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट) योजना न केवल महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि वह देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में अपना योगदान भी दे रही हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल के दौरान मई 2020 में बीसी सखी योजना (BC Sakhi Yojana) की घोषणा कर महिलाओं को रोजगार देने और आत्मनिर्भर बनाने की बड़ी पहल की थी. योजना से जुड़ी महिलाएं खुद को आत्मनिर्भर करने के साथ ग्राम समाज की रीढ़ बनकर उभरी हैं. दरअसल, योजना के बाद से ग्रामीणों को अपना पैसे जमा और निकालने के लिए बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ते हैं। इतना ही नहीं, अब उन्हें लोन के लिए भटकना भी नहीं पड़ता है.
योजना का लाभ अधिक से अधिक महिलाओं को देने एवं हर गांव में बैंकिंग सुविधा प्रदान करने के लिए वन जीपी-वन बीसी का लक्ष्य रखा गया है. इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए गांव-गांव में अभियान चलाया जा रहा है. सीएम योगी के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्र में वित्तीय सेवाओं की उपलब्धता के तहत एक ग्राम पंचायत एक बीसी कार्यक्रम के तहत अब तक 37 हजार से अधिक बीसी सखी द्वारा लगभग 27 हजार करोड़ की धनराशि का ट्रांजेक्शन किया गया है. इसके जरिए बीसी सखियों ने अब तक 72.31 करोड़ की धनराशि कमीशन के रूप में अर्जित की है.
अब तक बीसी सखियों द्वारा 10.58 करोड़ बार बैंकिंग ट्रांजैक्शन किया गया है. वर्तमान में बीसी सखी योजना से ग्रामीण क्षेत्र की हर महिला जुड़ना चाहती है. इसका अंदाजा हम इससे लगा सकते हैं कि प्रदेश की 57,695 ग्राम पंचायतों में बीसी सखी के लिए सात राउंड में 7,71,967 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया. वहीं बीसी सखी के प्री-सलेक्टेड स्टैंडबाई अभ्यर्थियों की संख्या 2,91,146 है. योजना के तहत 51 हजार बीसी सखी को प्रशिक्षित करने के साथ आईआईबीएफ द्वारा सर्टिफाइड किया गया है. वर्तमान में बीसी ऑपरेशंस द्वारा 39,014 ग्राम पंचायतों में योजना का लाभ दिया जा रहा है.
प्रदेश में बीसी सखी योजना में सबसे अच्छा प्रदर्शन सुल्तानपुर की बीसी सखी प्रियंका मौर्य का रहा है. वह 31 अगस्त 2021 को योजना से जुड़ी थीं. उन्होंने 929 बैकिंग कार्य दिवस में 926 दिन में 60 करोड़ से अधिक धनराशि का ट्रांसजेक्शन किया. बीसी सखी प्रियंका मौर्य ने 1,32,393 ट्रांसजेक्शन कर 15,84,033 रुपये कमीशन अर्जित किया है. बीसी सखी प्रियंका मौर्य ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का सपना साकार कर रही है.
वर्तमान में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं इससे जुड़ना चाहती हैं. वह इससे जुड़ने पर अपने आप को गौरवान्वित महसूस करती हैं. वहीं इसका सबसे अधिक लाभ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिल रहा है. उन्हे बैंक से पैसे निेकालने और जमा करने के लिए बैंक जाने के साथ लाइन में लगने से छूटकारा मिल गया है. साथ ही आने-जाने में खर्च होने वाले पैसे भी बच रहे हैं.
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