बैंक यूनियन लंबे समय से सप्ताह में 5 दिन कार्य और 2 दिन शनिवार-रविवार ऑफ की व्यवस्था लागू करने की मांग कर रही हैं. मेट्रो शहरों में कॉरपोरेट दफ्तरों में यह व्यवस्था लागू है. बैंक यूनियनों ने इस संबंध में भारतीय बैंक संघ (IBA) के साथ कई बार की बैठक के बाद मसौदा तैयार कर लिया. भारतीय बैंक संघ ने प्रस्ताव पर मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय भेज दिया है. वित्त राज्यमंत्री ने प्रस्ताव मिलने की बात संसद में बताई है. ऐसे में अब बैंक कर्मियों को सप्ताह में 2 दिन ऑफ मिलने का रास्ता साफ होता दिख रहा है.
मेट्रो शहरों के कॉरपोरेट दफ्तरों में सुविधानुसार कर्मचारियों को सप्ताह में 5 दिन कार्यदिवस और 2 दिन अवकाश की व्यवस्था लागू है. इस व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को प्रत्येक दिन 8 घंटे की बजाय करीब 9 घंटे काम करने की व्यवस्था की गई है. सप्ताह में 5 दिन कार्य करने की व्यवस्था बैंकों में लागू करने की मांग लंबे समय से हो रही है. बीते अगस्त में भारतीय बैंक संघ (IBA) ने इस संबंध प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेजा था.
वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने संसद में कहा है कि बैंकों में 5 दिन का कार्य सप्ताह करने के संबंध में आईबीए का प्रस्ताव प्राप्त हुआ है. हालांकि, उन्होंने प्रस्ताव की स्थिति या वित्त मंत्रालय इसे स्वीकार करने पर विचार कर रहा है या नहीं, इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया.
वर्तमान में बैंक हर महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को बंद रहते हैं और बाकी शनिवार को खुलते हैं. यदि बैंक कर्मियों के लिए 5 दिवसीय कार्य सप्ताह की योजना को मंजूरी दे दी जाती है तो उनके काम के घंटे बढ़ जाएंगे. इसके अलावा ग्राहकों के लिए बैंकों में कामकाजी घंटे भी बढ़ जाएंगे.
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भारतीय बैंक संघ (IBA) बैंक यूनियनों की जुलाई में हुई बैठक में यह प्रस्ताव बना था कि सप्ताह में 5 दिन कार्य व्यवस्था लागू होने की स्थिति में बैंक कर्मियों के काम के घंटे में 40 मिनट प्रतिदिन बढ़ाया जाएगा. हालांकि, बढ़ने वाले 40 मिनट के समय में गैर नकदी लेनदेन का काम किया जाएगा.
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