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Ram Mandir: अयोध्या के कुम्हारों को मिला लाखों दीए बनाने का ऑर्डर, पूरी दुनिया में रोशनी बिखेरने को बेताब

Ram Mandir: अयोध्या के कुम्हारों को मिला लाखों दीए बनाने का ऑर्डर, पूरी दुनिया में रोशनी बिखेरने को बेताब

 सीएम योगी भी कहते हैं कि अब अयोध्या की गलियों में गोली नहीं चलती, बल्कि दीपोत्सव होता है. 2017 में 1.71 लाख दीपों से शुरू हुआ दीपोत्सव महज सात वर्षों में 22.23 लाख दीपों तक पहुंच गया. 

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 प्राण-प्रतिष्ठा के दिन 10 लाख दीपों से सजेगी रामनगरी प्राण-प्रतिष्ठा के दिन 10 लाख दीपों से सजेगी रामनगरी

Ayodhya Ram Mandir: जिस पावन धरा की मिट्टी में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र ने जन्म लिया, उस अयोध्या की मिट्टी के दर्शन करने निरंतर श्रद्धालु आ रहे हैं और 22 जनवरी के बाद असंख्य श्रद्धालु यहां आएंगे भी. जिस माटी (रामनगरी) पर 500 वर्षों के इंतजार के बाद रामलला का भव्य मंदिर बन रहा है. 22 जनवरी को अब उसी धरा की पावन मिट्टी से एक बार फिर 'राम ज्योति' न केवल अयोध्या, बल्कि देश-दुनिया में प्रज्ज्वलित होगी. फिलहाल श्रीरामलला व हनुमानगढ़ी का दर्शन करने आए श्रद्धालु यहां के कुम्हारों से दीप खरीदकर ले जा रहे हैं, जिसे 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत शाम को अपने घरों पर 'राम ज्योति' जलाकर दीपावली मनाएंगे. योगी आदित्यनाथ की सोची गई कल्पना साकार हुई तो चीन की झालरों से दूर यहां के कुम्हारों को दीपोत्सव पर बड़ा बाजार मिला. योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप पर्यटन विभाग भी स्थानीय कुम्हारों के बनाए गए मिट्टी के 10 लाख दीपों से 22 जनवरी को रामनगरी को सजाने की तैयारी में जुट गया है. 

रात-दिन काम पर जुटे कुम्हार

22 जनवरी में महज पांच दिन शेष हैं. जैसिनपुर के कुम्हारों के पसीने अब दीपक के रूप में आकार ले रहे हैं. उन्हें बेकरारी है कि घर-घर में उनके बनाए दीपों से राम ज्योति प्रज्ज्वलित होगी. इसके लिए विपरीत मौसम में भी वे रात-दिन काम कर अधिक से अधिक दीप बना रहे हैं. कुम्हार अशोक प्रजापति बताते हैं कि देहात के दर्शननगर, किशुनदासपुर, बैसिंग,  कुसमाहा से मिट्टी मंगाई जा रही है, क्योंकि मौसम प्रतिकूल और समय कम है, लिहाजा फिलहाल छोटा दीपक बना रहे हैं. अपने घरों के लिए दीप जलाने के लिए अयोध्या के लोग सीधे यहां भी आकर खरीदारी कर रहे हैं. फिलहाल चार से पांच ट्राली मिट्टी मंगाई है और उसी से अपने यहां दीपक बना रहे हैं. ऐसे और लोग भी काम में जुटे हैं. 

योगी सरकार ने कुम्हारों को स्वावलंबन से जोड़ा 

योगी आदित्यनाथ ने जब 2017 में सत्ता संभाली, तभी से वे निरंतर दीपोत्सव का आयोजन करा रहे हैं. साल दर साल यह आयोजन दिव्य से दिव्यतम होता जा रहा है. सीएम योगी भी कहते हैं कि अब अयोध्या की गलियों में गोली नहीं चलती, बल्कि दीपोत्सव होता है. 2017 में 1.71 लाख दीपों से शुरू हुआ दीपोत्सव महज सात वर्षों में 22.23 लाख दीपों तक पहुंच गया. यह रिकॉर्ड बनाने के साथ ही प्रदेश व देश की समृद्धि को भी बढ़ाता जा रहा है. कुम्हार राजेश प्रजापति कहते हैं कि योगी बाबा के कारण एक काम तो हुआ कि हम लोगों को भी बड़ा काम मिलने लगा और दाल-रोटी की ठीक व्यवस्था होने लगी. पहले दीपोत्सव में लंबा काम मिलता था,  लेकिन अब राम मंदिर उत्सव से हर साल ऐसा होगा, यह विश्वास है. 

श्रद्धालु रामगरी की पावन मिट्टी से बने दीप खरीदने को उत्सुक

22 जनवरी सनातन धर्मावलंबियों के लिए काफी प्रेरणादायी है, क्योंकि इसी दिन श्रीराम अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होंगे, लिहाजा इस दिन हर भारतवासी अपने घरों में राम ज्योति प्रज्ज्वलित करेगा. रामनगरी का दर्शन करने आए श्रद्धालु यहां की मिट्टी के दीपक खरीद रहे हैं. यह टूटे न, इसके लिए बेहद ढंग से पैक भी करवा रहे हैं. बिजनौर से आए वेदप्रकाश और नंदगांव के धीरज चौधरी ने कहा कि दीपावली को श्रीराम के अयोध्या आगमन पर ही मनाई जाती है. अब तो श्रीराम अपने दिव्य-भव्य मंदिर में आ रहे हैं, इसलिए यह दीपावली सबसे बड़ी होगी. इसके लिए अयोध्या से 21 दीपक लेकर घर जा रहे हैं. वहां और दीपक खरीदकर पूरा घर सजाएंगे.

100 रुपये में 100 दीपक
100 रुपये में 100 दीपक

योगी सरकार कुम्हारों के हाथ को काम दे रही और बिक्री से काम को पूरा दाम भी मिल रहा. खजुआ कुंड, आशिकबाग से रमेश प्रजापति व राकेश प्रजापति ने बताया कि तेजी से मिट्टी के दीप बना रहे हैं. यहां भी लोग खरीदने पहुंच रहे हैं. 100 रुपये में 100 दीपक दिए जा रहे हैं. मौसम प्रतिकूल होने का असर तो है, लेकिन घर के अधिक से अधिक सदस्य लगकर इसे तैयार कर रहे हैं. विद्याकुंड के रामकिशोर का रोम-रोम पुलकित है- वे कहते हैं कि बाबू, मंदिर निर्माण के साथ ही हम लोगों का ध्यान भी योगी आदित्यनाथ ही रख सकते हैं. मां लक्ष्मी की कृपा से सात साल से हमारी दीपावली एकदम से बदल गई है. इसमें खुशियां ही खुशियां हैं तो यह योगी बाबा की देन है. कार्तिक के बाद इस महीने भी अब हर साल दीवाली होगी. 
 
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दीप बनाने वाले कुम्हारों के पास बाहर से आए पर्यटक-श्रद्धालु व स्थानीय संत दीप खरीदने पहुंच रहे हैं. राम की पैड़ी के निकट के मंदिर से पंडित कैशाल जी विद्या कुंड के पास दीप खरीदने पहुंचे. उन्होंने फिलहाल 500 दीपक खरीदा. आह्लादित पंडित जी कहते हैं कि बाबू राम जी आ रहे हैं. दीप तो जलाकर प्रभु का स्वागत करना ही है और इसीलिए दीप खरीदने आया हूं. 

10 लाख दीपों से सजाएगी रामनगरी

क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी आरपी यादव ने कहा कि 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा के उपरांत रामनगरी को लगभग 10 लाख दीपों से सजाया जाएगा. राम की पैड़ी,  अयोध्या के मठ-मंदिर, प्रमुख चौराहों व सार्वजनिक स्थलों पर दीप प्रज्ज्वलित किए जाएंगे. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर दीपोत्सव में भी स्थानीय कुम्हारों से दीप खरीदकर प्रज्ज्वलित कराते हैं और इस बार भी स्थानीय कुम्हारों से ही दीपक खरीदे जा रहे हैं.