हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने एक अहम फैसला लेते हुए पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की शाखा के एग्री मैनेजर पर निर्धारित समयावधि में नोटिफाई सर्विस न देने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. यही नहीं आवेदक को 5 हजार रुपये का मुआवजा देने का भी निर्णय सुनाया गया है. आयोग के एक प्रवक्ता ने इस बात की जानकारी दी है. आयोग के मुख्य आयुक्त टीसी गुप्ता ने इस मामले में खुद संज्ञान लिया और इस मामले के निपटान के लिए एक सुनवाई की गई. इसके बाद यह अहम फैसला लिया गया. यह पैसा संबंधित अधिकारी के सैलरी से काटा जाएगा.
बताया गया है कि इस मामले की सुनवाई में भिवानी जिले में पंजाब नेशनल बैंक, बहल के ब्रांच मैनेजर मंजीत और कृषि मैनेजर मुलायम सिंह सहित टेलीफोन के माध्यम से आवेदक ओमवीर शामिल हुए. आवेदक को समय पर ऋण की अदायगी नहीं की गई थी जिसके लिए आयोग ने संज्ञान लिया. कृषि कर्ज समय पर न देने पर आयोग ने मामले को गंभीरता से लिया.
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प्रवक्ता ने बताया कि आयोग द्वारा पंजाब नेशनल बैंक, रोहतक के सर्कल हेड को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि यह राशि मुलायम सिंह के अप्रैल माह के वेतन में से काटी जाए जो कि वेतन के एक तिहाई से अधिक नहीं होनी चाहिए. जबकि शेष रकम की कटौती अगले माह में की जाए. आयोग ने अपने निर्णय में यह भी कहा है कि इन आदेशों की पालना के अंतर्गत चालान इत्यादि की फोटो प्रतियां ईमेल के माध्यम से भिजवाई जाएं.
इसके अलावा, आयोग ने मंजीत, शाखा प्रबंधक, पीएनबी-बहल, हरियाणा के खिलाफ उपयुक्त अनुशासनात्मक एक्शन शुरू करने की सिफारिश भी की है. जबकि जोनल मैनेजर, पीएनबी, चंडीगढ़ से अनुरोध किया है कि इन आदेशों के जारी होने के 30 दिनों के भीतर इस संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में आयोग को सूचित किया जाए. मंजीत अगस्त, 2021 से और मुलायम सिंह 9 जून 2022 से इस शाखा में तैनात हैं. आयोग ने पीएनबी से यह भी कहा है कि इन अधिकारियों को इस शाखा में रखने की वांछनीयता की जांच करें.
हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 की शुरुआत में राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया था. इसे लागू करने के लिए 1 जुलाई 2014 को नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था. इसे लोगों को जरूरी सेवाओं को समय पर देने और सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के मकसद से लागू किया गया था. अगर समय पर कोई सरकारी सेवा नहीं मिलती है तो लोग आयोग में आवेदन कर सकते हैं. किसान ओमवीर ने इसी अधिकार को हथियार बनाकर पीएनबी अधिकारियों पर कार्रवाई करवाई.
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