UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है. पश्चिमी सर्द हवाओं और कोहरे ने प्रदेश के कई इलाकों को चपेट में लिया है. राजधानी लखनऊ में गुरुवार को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश की संभावना है. आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में 18 जनवरी को मौसम शुष्क रहने की संभावना है. इस दौरान पश्चिमी यूपी में कुछ जगहों पर घना से अत्यधिक घना कोहरा और कई जगह पर मौसम ठंडा रहने के आसार है. वहीं पूर्वी यूपी में कुछ जगहों पर ही घना कोहरा पड़ने का अलर्ट जारी हुआ है. आज मुजफ्फरनगर, बिजनौर और उसके आसपास में इलाकों में तीव्र कोल्ड डे की संभावना है. वहीं, सहारनपुर, शामली, मेरठ, अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और पीलीभीत में भी कोल्ड डे की संभावना जताई गई है. मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, अभी ठंड ऐसे ही बनी रहेगी. पारे में मामूली उतार-चढ़ाव होते रहेंगे.
सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर और उसके आसपास के इलाकों में घना कोहरा होने की संभावना है. जबकि संतकबीर नगर, बस्ती, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, गोंडा और बलरामपुर जिले में कोहरा पड़ने के असार है. इसके अलावा श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, बाराबंकी, शामली, बागपत और मेरठ में भी कोहरे का अलर्ट जारी हुआ है. साथ ही गाजियाबाद, हापुड़, अमरोहा, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल, बदायूं और उसके आसपास के इलाकों में कोहरा होने की संभावना है.
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प्रदेश में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ रही है. यह सिलसिला आगे भी जारी रहने वाला है. लोगों को हाड़ कंपाने वाली ठंड के साथ साथ कोहरे की भी मार झेलनी पड़ रही है. हालांकि, बीते कुछ दिनों से दोपहर बाद में फिर से धूप निकलना शुरू हो गई है. मौसम विभाग के मुताबिक, प्रदेश में 23 जनवरी तक मौसम इसी प्रकार का रहने वाला है. प्रदेश के अधिकांश इलाकों में कोहरे की संभावना बनी हुई है. पूर्वी यूपी की अपेक्षा पश्चिमी यूपी में ज्यादा जगहों पर कोल्ड डे रहने और शीतलहर चलने की उम्मीद जताई गई है.मौसम विभाग ने अगले तीन दिन तक प्रदेश भर में शीतलहर में तेजी आने की भविष्यवाणी की है. इसके चलते उत्तर प्रदेश के कई जिलों में स्कूलों में छुटि्टयां घोषित की गई हैं.
मौसम में बढ़ती आद्रता सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा सकती है. कृषि विशेषज्ञ डॉ. सत्येंद्र कुमार सिंह के मुताबिक कम तापमान और आद्रता बढ़ने से सरसों की फसल में रतुआ रोग लगने की संभावना बढ़ गई है. ऐसे में किसानों को उन्होंने सलाह दी कि वे अपने फसल की नियमित तौर पर निगरानी करते रहे. बीमारी का लक्षण दिखते ही तुरंत इसका उपाय करें.
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