हर घर नल का जलअप्रैल महीने के साथ ही गर्मी का पारा चढ़ना शुरू हो गया है. इसके साथ ही राज्य में जल संकट की समस्या देखने को मिलने लगी है. वहीं, गर्मी के मौसम में जल संकट से निपटने के लिए सरकारी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. जहां,लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति को लेकर तैयार योजना की जानकारी दी. विभाग के मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि पेयजल आपूर्ति के संबंध में व्यापक योजना तैयार की गई है. इसके तहत राज्यभर में कुल 1,20,749 चापाकलों की मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया है. साथ ही पशुओं के लिए 261 पशु प्याऊ बनाए गए हैं, जिनका भौतिक सत्यापन भी शुरू हो गया है.
मंत्री नीरज कुमार सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 1,520 नए चापाकलों को बनाने की अनुमति दे दी गई है. इसके साथ ही 1,20,749 चापाकलों की मरम्मत का काम निर्धारित लक्ष्य के अनुसार शुरू कर दिया गया है. वहीं, जिन पंचायतों में भूजल स्तर नीचे चला गया है, वहां राइजर पाइप बढ़ाकर चापाकलों को चालू रखने की व्यवस्था की जा रही है. मरम्मत की जानकारी ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज की जा रही है और जियोटैग्ड फोटोग्राफ और सामाजिक प्रमाणन भी लिया जा रहा है.
ये भी पढ़ें:- 45 दिन की फ्री ट्रेनिंग और झटपट लोन भी, सरकार ने चलाई ये खास योजना
मंत्री ने बताया कि जिन क्षेत्रों में भूजल स्तर अत्यधिक नीचे चला गया है और जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित हो रही हैं, वहां "हर घर नल का जल" संरचनाओं के अतिरिक्त टैंकरों से पानी पहुंचाने का निर्देश अधिकारियों को दिया गया है. साथ ही जल संकटग्रस्त पंचायतों को प्राथमिकता के आधार पर जल वितरण का रूट चार्ट तैयार किया गया है, ताकि किसी भी गांव या टोले में पेयजल की कमी न हो. वहीं,सार्वजनिक स्थलों, विद्यालयों और महादलित टोलों में चापाकलों की मरम्मत को प्राथमिकता दी जा रही है. साथ ही, भूजल स्तर में संभावित गिरावट को देखते हुए पंचायत स्तर पर जल स्रोतों की स्थिति का दैनिक मूल्यांकन किया जा रहा है.
मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा पानी की क्वालिटी को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके. जिन जल स्रोतों में आर्सेनिक, फ्लोराइड या आयरन की मात्रा मानक से अधिक पाई गई है, उन्हें लाल रंग से चिह्नित किया जा रहा है. इसके अलावा "हर घर नल का जल" योजना के तहत स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को भी जोड़ा जा रहा है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today