दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भर बनेगा देश, कृषि मंत्री ने खेती पर मोदी सरकार का विजन रखा

दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भर बनेगा देश, कृषि मंत्री ने खेती पर मोदी सरकार का विजन रखा

शिवराज सिंह चौहान ने कहा, तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री ने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेते हुए एक विजन दिया है, जिसमें कृषि सेक्टर का अहम् योगदान रहेगा. इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री जी, का भारत को ग्लोबल फूड बास्केट बनाने का संकल्प है, जिसमें देश के प्रत्येक नागरिकों के डाइनिंग टेबल पर भारत का कृषि उत्पाद अवश्य पहुंचे.

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दलहन-तिलहन में आत्मनिर्भर बनेगा देश, कृषि मंत्री ने खेती पर मोदी सरकार का विजन रखाकेंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान. (फाइल फोटो)

खेती के क्षेत्र में देश को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार कई योजनाओं को आगे बढ़ा रही है. इसे लेकर सरकार ने किसानों और कृषि के लिए रोडमैप बनाया है. इसका एक विजन तैयार किया गया है. मोदी सरकार के इस विजन के बारे में बताते हुए कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार किसान कल्याण के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है. कृषि सेक्टर इस देश की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा है. तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री जी ने भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेते हुए एक विजन दिया है, जिसमें कृषि सेक्टर का अहम् योगदान रहेगा. इसके अंतर्गत प्रधानमंत्री जी, का भारत को ग्लोबल फूड बास्केट बनाने का संकल्प है, जिसमें देश के प्रत्येक नागरिकों के डाइनिंग टेबल पर भारत का कृषि उत्पाद अवश्य पहुंचे. 

कृषि मंत्री ने कहा, विजन अंतर्गत भारत के कृषि सेक्टर को वर्तमान समय के 2.4% से बढ़ाकर 10% से अधिक करने का लक्ष्य है, जिसके लिए सभी मिलकर काम कर रहे हैं. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का लक्ष्य है कि कृषि सेक्टर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक तो बनाएं ही, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना करते हुए, नागरिकों को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए, किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करें. 

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शिवराज सिंह चौहान ने कहा, कृषि सेक्टर की हमारी नीतियां सभी हितधारकों के साथ चर्चा करते हुए निर्धारित की जा रही हैं और उसमें बदलाव और सुधार भी राज्य सरकारों, किसान संगठनों और कृषि सेक्टर से जुड़े अन्य सभी हितधारकों के साथ चर्चा करके किया जाता हैं.“

नीतियां इन लक्ष्यों पर भी केंद्रित रहेंगी

  • गेहूं और धान की आत्मनिर्भरता के बाद दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना. 
  • किसानों को नवीन बीज, तकनीक उपलब्ध कराना ताकि वे फसल उत्पादकता और आय बढ़ा सकें.
  • विशेषकर औद्यानिक फसलों में रिटेल मूल्य का ज्यादा-से-ज्यादा हिस्सा किसानों को उपलब्ध हो.
  • पोस्ट हार्वेस्ट हानि को न्यूनतम करते हुए, वैल्यू एडिशन की अवस्थापना सुनिश्चित की जा सके.
  • मृदा स्वास्थ्य को बेहतर करने की नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा सके.
  • वैज्ञानिकों द्वारा नवीन तकनीक और बीजों को त्वरित गति से किसानों तक पहुंचाया जा सके.
  • उत्पादकता, उत्पादन और विविधीकरण में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करना. 

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कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा, सभी मिलकर देश के अन्नदाता को आर्थिक रूप से समृद्ध और सशक्त बनाने के लिए कृषि सेक्टर के विकास में साझा प्रयास करेंगे तो निश्चित ही विकसित भारत के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान होगा.

 

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