Bonus on MSP : छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की एमएसपी पर बोनस देने के लिए सरकार ने बनाई खास योजना

Bonus on MSP : छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की एमएसपी पर बोनस देने के लिए सरकार ने बनाई खास योजना

छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय सरकार ने अपने महत्वपूर्ण Election promises को पूरा करने की तैयारी कर ली है. इसके तहत एमएसपी पर Paddy Procurement के एवज में 917 रुपये प्रति कुंतल की दर से किसानों को बोनस देने का चुनावी वादा पूरा करने के लिए सरकार ने 'कृषक उन्नति योजना' बनाई है.

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Bonus on MSP : छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की एमएसपी पर बोनस देने के लिए सरकार ने बनाई खास योजनाछत्तीसगढ़ में किसानों को धान की खरीद पर बोनस देने सहित अन्य योजनाएं हो रही लागू

भारत सरकार के नियमों के तहत सभी राज्य सरकारें Public Distribution system में राशन की पूर्ति के लिए किसानों से एमएसपी पर खाद्यान्न की खरीद करती हैं. राज्य सरकारों को केंद्रीय पूल के लिए राशन की खरीद केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित MSP पर ही करना अनिवार्य है. इसमें केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के लि‍ए केन्द्रीय पूल में 74 लाख मीट्रिक टन चावल की खरीद करने का लक्ष्य दिया है. इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने किसानों को एमएसपी पर खरीद के एवज में 917 रुपये प्रति कुंतल की दर से बोनस देने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए नियमों की बाधा को पार करने की तैयारी कर ली है. इसके लिए राज्य सरकार 'कृषक उन्नति योजना' को लांच करेगी. इतना ही नहीं, सीएम साय ने गत विधानसभा चुनाव में किसानों एवं महिलाओं से किए गए अन्य वादों को भी पूरा करते हुए तेंदूपत्ता की समर्थन मूल्य पर खरीद करने और महतारी वंदना योजना को लागू करने का ऐलान कर दिया है. विवाहित महिलाओं को वित्तीय सहायता देने के लिए महतारी वंदन योजना को 7 मार्च को लागू कर दिया जाएगा.

सरकार का दावा : खेती से खुलेंगे समृद्धि के द्वार

सीएम साय ने कहा कि सरकार ने राज्य के किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए 12 मार्च को 'कृषक उन्नति योजना' लागू करने का फैसला किया है. किसानों को धान की खरीद के एवज में बोनस देने वाली इस योजना के अलावा तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले किसानों से राज्य सरकार द्वारा निर्धारित Support Price पर तेंदूपत्ता की खरीद करने की शुरुआत भी 15 दिनों के भीतर कर दी जाएगी.

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देश में सबसे ज्यादा खरीद मूल्य

साय ने कहा कि कृषक उन्नति योजना में किसानों को समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में प्रति क्विंटल 917 रुपए बोनस के रूप में दिए जाएंगे. इसके भुगतान के बाद किसानों को धान की प्रति क्विंटल 3100 रुपए कीमत मिल जाएगी. उन्होने कहा कि यह कि‍सी भी राज्य में किसानों से की जा रही धान की सर्वाधिक कीमत है. हालांकि एमपी में भी चुनाव के दौरान भाजपा ने किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की कीमत पर धान खरीदने का वादा किया था, लेकिन अभी तक यह वादा पूरा नहीं हो पाया है. आलम यह है कि एमपी के किसान संगठनों ने इस वादे की पूर्ति के लिए नवगठित मोहन यादव सरकार के समक्ष आंदोलन करना भी शुरू कर दिया है.

वहीं, दूसरी ओर छत्तीसगढ़ सरकार ने इस वादे को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में कृषक उन्नति योजना के लिए अलग से 10 हजार करोड़ रुपए और पिछले साल के अनुपूरक बजट में 3 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. इस प्रकार किसानों को चुनावी बोनस देने का वादा पूरा करने के लिए साय सरकार ने कुल 13 हजार करोड़ रुपए का इंतजाम किया है.

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धान और किसान अर्थव्यवस्था की रीढ़

साय सरकार का कहना है कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है. इस महत्व को समझते हुए राज्य के बजट में भी कृषि के साथ-साथ Rural Development पर फोकस किया गया है. सीएम साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान और किसान एक दूसरे के पर्याय माने जाते हैं. राज्य में लगभग 32 लाख हेक्टेयर में धान की उपज होती है. इससे जुड़े राज्य के 24 लाख से अधिक किसान समर्थन मूल्य पर धान की बिक्री करते हैं.

किसानों से हुई खरीद के एवज में इस साल खरीफ के सीजन में 144.92 लाख मीट्रिक टन की समर्थन मूल्य पर खरीद हुई है. यह अब तक की सर्वाधिक खरीद है. किसानों को धान खरीदी के एवज में 31,913 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया गया है.

सरकार का दावा है कि छत्तीसगढ़ के किसानों को धान की सर्वाध‍िक कीमत मिलने के फलस्वरूप राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक समृद्धि के द्वार खुलेंगे. इससे किसान खेती के आधुनिक तरीके अपनाने की ओर अग्रसर होंगे. इससे व्यापार और वाणिज्य में भी तेजी आएगी और राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोत्तरी होने से राज्य के सभी लोगों को लाभ मिलेगा. इसके अलावा कृषि मजदूरों को भी राहत देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना लागू करने का निर्णय लिया है. इस योजना में भूमिहीन कृषि मजदूरी को साल में 10 हजार रुपए की राशि दी जाएगी.

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