छतीसगढ़ के आदिवासी अंचल के किसानों ने नई भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार से कर्ज माफी सहित 3100 रुपये पर धान खरीद करने की मांग की है. साथ ही किसान धान पर दो साल के बोनस की मांग कर रहे हैं. इस बार चुनाव से पहले बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के किसानों को लुभाने के लिए कई वायदे किए थे. इसमें धान खरीद पर अधिक राशि देने की भी बात थी. अब छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बन गई है जिसके बाद किसान बीजेपी और सरकार को वायदे याद दिला रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार अपने वादों को पूरा करे और 3100 रुपये पर धान खरीद के साथ बोनस भी दिया जाए.
सुकमा जिले के किसानों ने 'छतीसगढ़ तक' के साथ बात करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कर्ज माफ किया था और जो पिछली सरकार में धान खरीदी का वाद किया था, उस रेट पर धान भी खरीद की थी. इसके बाद बीजेपी की सरकार ने अपने घोषणा पत्र में 3100 रुपये से धान खरीदी का वाद किया था, लेकिन सरकार अपने वादे के अनुसार खरीदी नहीं कर रही है. किसानों ने मांग उठाई कि सरकार को जल्द 3100 रुपये प्रति क्लिंटल की दर से धान खरीदनी चाहिए.
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सुकमा जिले के किसान सोनू राम नाग ने बताया कि बीजेपी सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि 3100 रुपये के रेट से धान खरीदी जाएगी, लेकिन अब तक हमारा धान इस रेट पर नहीं लिया जा रहा है. सुकमा जिले में ज्यादातर किसान आदिवासी किसान है. इन किसानों का कहना है कि उन्होंने खेती के लिए कर्ज भी लिया है. लेकिन इस बार इस बार मौसम की मार ने खेती को बहुत नुकसान पहुंचाया है. हाल में आए तूफान ने उनकी फसलें खराब कर दीं. सुकमा जिले के किसानों का कहना है कि कांग्रेस की पिछली सरकार ने उनका कर्ज माफ किया था. बीजेपी की देश और राज्य में डबल इंजन की सरकार है, इसलिए किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए.
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आप को बता दें कि छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में कर्ज में डूबे किसान के आत्महत्या के मामले में विपक्ष सरकार को घेरने में लगा है. विपक्ष की तरफ से मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है. प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष दीपक बैज ने किसान की आत्महत्या मामले में 5 सदस्य टीम का गठन किया है. यह टीम मृतक किसान के घर जाकर पूरे मामले की जांच करेगी. आपको बता दें कि नारायणपुर जिले के कुकड़ाझोर गांव में हीरुराम बढ़ई नाम के किसान ने बैंक का लोन नहीं चुका पाने के चलते कीटनाशक दवाई खाकर आत्महत्या कर ली थी.(धर्मेंद्र सिंह की रिपोर्ट)
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