छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि सीएम साय के निर्देश पर खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने धान की खरीद नीति में बदलाव कर खरीद की मात्रा को बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया है. CMO ने बताया कि विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा की ओर से जारी आदेश के मुताबिक छत्तीसगढ़ में खरीफ सीजन 2023-24 में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गत एक नवंबर से धान की खरीद की जा रही है. खरीद प्रक्रिया से जुड़ी नीति में संशोधन करते हुए सरकार ने धान की खरीद की तय मात्रा को बढ़ाने के लिए धान खरीद नीति में बदलाव किया गया है.
छत्तीसगढ़ के सभी मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों को जारी आदेश में कहा गया है कि धान खरीदी नीति में परिवर्तन कर किसानों से धान की अधिकतम सीमा को बढ़ाकर 21 क्विंटल प्रति एकड़ कर दिया गया है. गौरतलब है कि अब तक यह सीमा 21 क्विंटल प्रति एकड़ थी. इस आदेश को एक नवंबर से प्रभावी माना गया है. इससे पहले भी जो किसान अपनी धान को एमएसपी पर बेच चुके हैं, वे भी नई सीमा के तहत अपनी धान को सरकारी खरीद में शामिल कर सकेंगे.
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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने किसानों को एमएसपी पर बोनस देकर धान की खरीद करने का सिलसिला शुरू किया था. इसे आगे बढ़ाते हुए भाजपा ने चुनाव के बाद सरकार बनने पर ज्यादा बोनस देकर किसानों से धान की खरीद करने का वादा किया था. राज्य में अब विष्णुदेव साय सरकार बनने पर इस वादे को पूरा करने के लिए ही यह फैसला किया गया है.
सीएमओ की ओर से बताया गया कि सीएम साय के निर्देश पर धान के खरीद केन्द्रों में किसानों से धान की खरीद करने की व्यवस्था पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है. जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी प्रकार की परेशानी न हो. सरकार का अनुमान है कि राज्य में इस साल 130 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो सकती है. राज्य के 26.86 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए विभाग में अपना पंजीकरण कराया है.
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धान की सरकारी खरीद से जुड़ी नीति में बदलाव करने का फैसला करने से पहले सरकार किसानों के धान का बकाया बोनस भी देने की तैयारी कर रही है. सीएम साय के निर्देश पर राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने मंगलवार को कृषि एवं अन्य सम्बद्ध विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा कर ली है.
इसमें उन्होंने पीएम मोदी की गारंटी के रूप में किसानों के बकाया धान बोनस की राशि का भुगतान करने को भी कहा था. जैन ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. इसकी तैयारियों के संबंध में उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों और जिला कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं.
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