प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत बचे हुए किसानों का ई-केवाईसी 30 सितंबर तक किया जा रहा है. इसीलिए जिन किसानों ने अब तक केवाईसी नहीं कराई है, वे इसे पूरा कर सकते हैं. बता दें कि प्रदेश में सहकारिता विभाग की ओर से इस संबंध में समय-समय पर जानकारी दी जा रही है. पहले भी कई बार ई-केवाईसी के लिए विभाग ने तारीख बढ़ाई हैं. अब इसे बढ़ाकर 30 सितंबर किया गया है. इस योजना के तहत किसानों को साल में तीन बार दो-दो हजार रुपये किसान सम्मान निधि सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे जाते हैं.
चूरू में पीएम किसान सम्मान निधि योजना के नोडल अधिकारी लोकेश गौतम बताते हैं कि अकेले चूरु जिले के 74,432 किसान लाभार्थियों को ई-केवाईसी नहीं हो पाई है. इससे ये अगली किस्त के लिए योग्य नहीं रह पाएंगे. इसीलिए किसान जल्दी से जल्दी आधार आधारित ई-केवाईसी करवाएं.
पीएम किसान सम्मान निधि योजना में ई-केवाईसी की प्रक्रिया बेहद आसान है. किसान पीएम किसान पोर्टल, ई-मित्र या सीएससी पर जाकर केवाईसी करवा सकते हैं. इसके अलावा पीएम किसान जीओआई मोबाईल एप से भी किसान ई-केवाईसी करवा सकते हैं. गौतम ने बताया कि 30 सितम्बर, 2023 तक ई-केवाईसी का काम पूरा किया जाना है.
सहकारिता विभाग के एक अधिकारी ने किसान तक को बताया कि केवाईसी के लिए हमने प्रदेशभर में सभी जिलों के अधिकारियों को बचे हुए किसानों की ई-केवाईसी की प्रक्रिया जल्दी पूरी करने के निर्देश दिए हैं. इस काम के लिए वे ग्राम स्तर पर विभिन्न विभाग जैसे ग्राम सहकारी समिति, आंगनवाड़ी, किसान क्रय-विक्रय समिति से सहयोग ले सकते हैं.
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पीएम किसान योजना का लाभ पाने के लिए सबसे पहले कृषि योग्य जमीन होने चाहिए. ये जमीन आवेदक के नाम से होती है. इसीलिए इस योजना का फायदा भूमिहीन और बटाईदार किसानों को नहीं मिल पा रहा है. साथ ही इस योजना का लाभ तभी मिलेगा जब आप आयकरदाता न हों. और आपको महीने में 10 हजार रुपये से अधिक पेंशन नहीं मिल रही हो.
कृषि मंत्रालय की गाइड लाइंस के अनुसार इस योजना का लाभ तभी दिया जाता है जब आवेदक का सभी तरह से वेरिफिकेशन हो जाता है. यह वेरिफिकेशन की प्रक्रिया कई स्तर से होकर गुजरती है.
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इसमें राज्य सरकार आवेदत के रिकॉर्ड का वेरिफिकेशन करके उसका डाटा पीएम-किसान पोर्टल पर अपलोड करती है. इसीलिए किसान अगर ई-केवाईसी समय रहते नहीं कराते हैं तो किसान सम्मान निधि से वंचित हो सकते हैं.
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