पश्चिम बंगाल में आलू की कीमतों में गिरावट, बाकी राज्यों को बिक्री फिर से चालू 

पश्चिम बंगाल में आलू की कीमतों में गिरावट, बाकी राज्यों को बिक्री फिर से चालू 

ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार और असम मुख्य तौर पर बंगाल से आने वाले आलू पर निर्भर रहते हैं. पश्चिम बंगाल आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्‍य है. यहां से हर साल दूसरे राज्यों को करीब 20-25 लाख टन अतिरिक्त आलू भेजा जाता है. राज्य सरकार के फैसले पर पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन की तरफ से उम्‍मीद जताई गई है कि सरकार का फैसला लंबे समय तक के लिए कायम रहेगा.

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पश्चिम बंगाल में आलू की कीमतों में गिरावट, बाकी राज्यों को बिक्री फिर से चालू पश्चिम बंगाल में आलू की कीमतें नियं‍त्रित

पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ समय से आलू की कीमतों की वजह से हर कोई परेशान था. यहां तक कि राज्‍य की तरफ से दूसरे राज्‍यों को भेजे जाने वाले आलू पर भी बैन लगा दिया था. लेकिन अब जो ताजा जानकारी आ रही है, उसके तहत पश्चिम बंगाल में आलू की कीमतें फिलहाल स्थिर और नियंत्रित हैं. ऐसे में राज्‍य की तरफ से फैसला किया गया है कि आलू को बाकी राज्यों को बेचा जाएगा. एक ताजा मीडिया रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से इस बात की जानकारी दी गई है. 

सात दिनों तक के लिए मंजूरी 

अखबार द हिंदू बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि  20 अगस्त को, पश्चिम बंगाल सरकार ने अगले सात दिनों के लिए आलू के अंतरराज्यीय व्यापार की अनुमति देने का फैसला किया है. सरकार ने इस बात को ध्‍यान में रखा है कि राज्य में आलू की कोई कमी नहीं होगी और आने वाले दिनों में कीमतें नहीं बढ़ेंगी. आलू व्यापारियों और सभी महत्‍वपूर्ण लोगों के साथ एक मीटिंग में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने 21 अगस्त से सात दिनों के लिए बंगाल से बाकी राज्यों को दो लाख टन तक आलू बेचने की अनुमति दी. 

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क्‍या फिर से लगेगा प्रतिबंध 

पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री प्रदीप मजूमदार के हवाले से अखबार ने लिखा है, 'निर्यात ठीक तरीके से चल रहा है और कीमतें नियंत्रण में हैं. अगर स्थिति अलग होती तो सरकार फिर से प्रतिबंध लगाती. चूंकि हमने कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है तो इसका मतलब साफ है कि है कि अंतर-राज्यीय निर्यात और व्‍यापार जारी रहेगा. गौरतलब है कि सरकार ने व्यापारियों और आलू के निर्यात से जुड़ी पार्टियों से मुलाकात की. इसके बाद प्रतिबंध हटाने का फैसला किया. 

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सरकार ने पिछले महीने आलू के अंतरराज्यीय व्यापार पर रोक लगा दी थी. तब किसानों और व्यापारियों की तरफ से आंदोलन किया गया. साथ ही यह भी कहा गया कि उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. मजूमदार ने कहा, 'अगर ऐसी स्थिति फिर से आई तो फिर सरकार बाकी राज्‍यों को निर्यात होने वाले व्यापार पर फिर से बैन लगाया जाएगा. 

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आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक 

आमतौर पर ओडिशा, आंध्र प्रदेश, बिहार और असम मुख्य तौर पर बंगाल से आने वाले आलू पर निर्भर रहते हैं. पश्चिम बंगाल आलू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्‍य है. यहां से हर साल दूसरे राज्यों को करीब 20-25 लाख टन अतिरिक्त आलू भेजा जाता है. राज्य सरकार के फैसले पर पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन की तरफ से उम्‍मीद जताई गई है कि सरकार का फैसला लंबे समय तक के लिए कायम रहेगा. कोल्ड स्टोरेज गेट पर आलू की कीमतें 23-25 ​​रुपये प्रति किलोग्राम के बीच चल रही हैं. 


 
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