हरियाणा में किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. सोनीपत में गुरुवार को किसानों ने छोटूराम धर्मशाला से लघु सचिवालय तक रोष मार्च निकाला और उसके बाद धरना स्थल पर महापंचायत का आयोजन किया. महापंचायत के बाद किसानों ने जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर की सोनीपत जिला कमेटी की इस पंचायत की अगुवाई युवा किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ और वीरेंद्र पहल ने की. महापंचायत में किसानों ने 12 सूत्रीय मांगों पर चर्चा की और सरकार से इनका समाधान करने की अपील की.
महापंचायत के बाद किसान नेता जिला उपायुक्त सुशील सारवान से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा. डीसी ने किसानों को आश्वासन दिया कि सभी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा और बारिश से हुए नुकसान का मुआवजा पोर्टल पर दर्ज करने के बाद समय पर दिया जाएगा.
वहीं, बीते दिन कई किसानों और किसान नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट की पराली जलाने वाले कुछ किसानों को गिरफ्तार करने के सुझाव वाले बयान आपत्ति जताई और उनके पुराने फैसलों का जिक्र किया, जिन्हें सरकारों ने लागू नहीं किया. किसान नेता अभिमन्यु कोहाड ने कहा कि कोर्ट के आदेश के बाद भी किसानों को 100 रुपये प्रति क्विंटल बोनस नहीं दिया गया और आज कोर्ट ने फिर एक टिप्पणी की जो हमें लगता है कि न्यायसंगत नहीं है.
उन्होंने आगे कहा कि NGT ने भी कहा है कि पराली के मैनेजमेंट के लिए जो मशीनें हैं उनपर भी राज्य सरकारों को सब्सिडी देनी चाहिए. इसके अलावा 2 एकड़ तक के किसानों को मशीनें फ्री में उपलब्ध कराई जाएं, 2-5 एकड़ वाले किसानों के लिए 5 हजार रुपये और 5 एकड़ से अधिक जोत वाले किसानों को 15 हजार रुपये की मदद दी जाए. इसके बाद भी कोई किसान पराली जलाता है तो उस पर मुकदमा होना चाहिए.
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