हरियाणा सरकार के 10 नई फसलों को एमएसपी पर खरीद करने की घोषणा को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने 20 अगस्त को बैठक बुलाई है. किसान आंदोलन और एमएसपी को लेकर एसकेएम गांव स्तर पर अभियान चलाएगी. मंगलवार देर शाम संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कहा गया कि हरियाणा सरकार का एमएसपी देने की बात करना केवल चुनावी स्टंट है. किसानों को भरमाने के लिए यह बात की जा रही है. बता दें कि एसकेएम ने 3 कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था.
संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को कहा कि हरियाणा सरकार की ओर से 24 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य या एमएसपी की घोषणा एक चुनावी स्टंट है. यह हरियाणा के किसानों को स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि यह एमएस स्वामीनाथन समिति की ओर से सुझाए गए फॉर्मूले पर आधारित नहीं है. एसकेएम ने विधानसभा चुनावों से पहले अतिरिक्त फसलों पर एमएसपी देने के हरियाणा सरकार के हालिया फैसले की निंदा की.
एसकेएम की ओर से कहा गया कि हरियाणा राज्य एसकेएम 20 अगस्त को आगे की कार्रवाई तय करने के लिए एक बैठक करेगा. एसकेएम यह सुनिश्चित करने के लिए गांव स्तर पर अभियान चलाएगा कि किसान और आम लोग आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को बेनकाब करें, उसका विरोध करें और उसे सबक सिखाएं. एसकेएम आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को बेनकाब करने, उसका विरोध करने और उसे दंडित करने के लिए गांव स्तर पर अभियान चलाएगा, जिसमें किसानों और आम जनता की व्यापक हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाएगी.
20 अगस्त 2024 को होने वाली हरियाणा राज्य एसकेएम की बैठक में किसानों को उनके अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष के रास्ते पर लाने उतारने के लिए निर्णायक कार्रवाई पर विचार किया जाएगा. इसके अलावा एमएसपी@सी2+50% गारंटीकृत खरीद, व्यापक ऋण माफी, बिजली क्षेत्र का निजीकरण न करना और प्रीपेड स्मार्ट मीटर न लगान तथा दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष के दौरान बलिदान हुए 736 किसान शहीदों के सम्मान में सिंघू/टिकरी सीमा पर शहीद स्मारक का निर्माण समेत अन्य मुद्दों पर मंथन किया जाएगा.
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