scorecardresearch
1 दिसंबर को सीएम मान के आवास का घेराव करेंगे किसान, SKM ने किया ऐलान

1 दिसंबर को सीएम मान के आवास का घेराव करेंगे किसान, SKM ने किया ऐलान

मीटिंग में किसान नेताओं ने कहा कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी की मिलीभगत के तहत पुलिस ने जगजीत सिंह डल्लेवाल को गिरफ्तार कर के 26 नवंबर के आमरण अनशन को असफल करने का प्रयास किया, लेकिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अस्पताल में और किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू करके बीजेपी और आम आदमी पार्टी को करारा जवाब दिया है.

advertisement
किसान आंदोलन किसान आंदोलन

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की गुरुवार को साझी मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया गया कि 1 दिसंबर को संगरूर में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास का घेराव किया जाएगा. साथ ही पूरे देश में अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान के पुतले जलाए जाएंगे. किसान नेताओं ने कहा कि आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बी टीम है और भगवंत मान ने गृहमंत्री अमित शाह से अपनी दोस्ती निभाते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को 26 नवंबर की सुबह 2.45 बजे गिरफ्तार कर लिया. 

मीटिंग में किसान नेताओं ने कहा कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी की मिलीभगत के तहत पुलिस ने जगजीत सिंह डल्लेवाल को गिरफ्तार कर के 26 नवंबर के आमरण अनशन को असफल करने का प्रयास किया, लेकिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अस्पताल में और किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडे ने खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन शुरू करके बीजेपी और आम आदमी पार्टी को करारा जवाब दिया है. 

इन मुद्दों पर आंदोलन जारी

किसान नेताओं ने कहा कि MSP गारंटी कानून का मुद्दा किसानों के लिए करो या मरो का मुद्दा है. उन्होंने कहा कि मांगों के पूरा होने तक किसान नेताओं जगजीत सिंह डल्लेवाल और सुखजीत सिंह हरदोझंडे का आमरण अनशन जारी रहेगा. किसान नेता और पूर्व फौजी सुखजीत सिंह हरदोझंडे ने कहा कि मुझे फौज में सेवा करते हुए देश और समाज के लिए कुर्बानी देने का मौका नहीं मिला, लेकिन अब इस आंदोलन में आमरण अनशन करने किसानों के लिए कुर्बानी देने का मौका मिला है और वो अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ेंगे.

ये भी पढ़ें: नकली खाद-बीज बेचने वालों को नहीं बख्शें, कृषि मंत्री ने दिया सख्त कार्रवाई का निर्देश

दूसरी ओर, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब ने शंभू बॉर्डर मार्च और 6 दिसंबर को दिल्ली मार्च की घोषणा के बाद 3 दिसंबर को अमृतसर जिले के खुजाला गांव में किसान मजदूरों और महिलाओं की एक रैली का आयोजन किया.  इस अवसर पर बोलते हुए किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और हरविंदर सिंह मसानी ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार मिलकर किसान मजदूर आंदोलन की मांगों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सभी हथकंडे अपना रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि आज की सभा ने साबित कर दिया है कि देश की जनता आंदोलन की मांगों के साथ पूरी तरह से जुड़ी हुई है और ऐसे में मोर्चे के नेताओं की गिरफ्तारी से लोगों का हौसला टूटेगा नहीं बल्कि और भी बुलंद होगा. इस अवसर पर किसान नेता लखविंदर सिंह वरियाम नंगल और कंवरदलिप सैदोलेहल ने कहा कि बिजली विभाग से संबंधित आंदोलन की महत्वपूर्ण मांग को नजरअंदाज करते हुए पंजाब और केंद्र सरकार प्रीपेड मीटर लगाकर विभाग के पूर्ण निजीकरण की ओर बढ़ रही है.

दिल्ली मार्च की तैयारी 

इस मौके पर नेताओं ने कहा कि छह दिसंबर को दिल्ली मार्च के दौरान जत्थे का नेतृत्व वरिष्ठ नेता करेंगे. उन्होंने कहा कि आज शंभू बॉर्डर से सड़क खुलने की अफवाह फैलाई जा रही है, जो पूरी तरह से झूठ है.  उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में खेतिहर मजदूरों और महिलाओं से शंभू और खनौरी सीमा पर पहुंचने की अपील की.  इस मौके पर जिला नेता बलदेव सिंह बग्गा, कंधार सिंह भोएवाल, सुखदेव सिंह चाटीविंड, बलविंदर सिंह रुमानचक, रणजीत सिंह चाटीविंड, चरण सिंह क्लेयर घमन, अमरीक सिंह जमालपुर, मुख्तार सिंह भंगवा, अमनिंदर सिंह मालोवाल, स्वर्ण सिंह उदो नंगल, सुखदेव सिंह सविंदर सिंह रूपोवाली, गुरभज सिंह झंडी, स्वर्ण सिंह कोटला सहित काजीकोट  हजारों की संख्या में खेतिहर मजदूर और महिलाएं मौजूद थीं.

ये भी पढ़ें: खनौरी बॉर्डर पर किसानों और पंजाब पुलिस की वार्ता फेल, डल्लेवाल की रिहाई पर अड़ा संगठन