संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को खुल चैलेंज दिया है. किसानों ने कहा है कि वे हमारी मांगों पर डिबेट कर लें. किसानों ने सीएम मान को 10 मार्च को ओपन डिबेट के लिए आमंत्रित किया है. किसानों का यह फैसला गुरुवार शाम उनकी एक इमरजेंसी मीटिंग के बाद सामने आया. इस मीटिंग से निकलने के बाद किसानों ने सीएम मान को ओपन डिबेट के लिए खुला चैलेंज दिया.
एसकेएम ने फिर दोहराया कि उसकी मांगें पूरी तरह से पंजाब से जुड़ी हैं. न कि केंद्र सरकार से. दूसरी ओर सीएम मान बार-बार बताते रहे हैं कि किसानों की सभी मांगें केंद्र सरकार से जुड़ी हैं, न कि पंजाब सरकार से. इसका जवाब देते हुए किसानों ने गुरुवार शाम को साफ कर दिया कि उनकी मांगें पंजाब की मान सरकार से है.
किसानों ने कहा कि उनकी मांगें पंजाब सरकार से हैं, इसलिए वे सीएम मान से चर्चा करना चाहते हैं. इसे देखते हुए किसान संगठन एसकेएम ने सीएम मान को ओपन डिबेट के लिए न्योता दिया है. इसी के साथ किसानों ने ऐलान किया कि 10 मार्च को पंजाब सरकार के विधायक और मंत्रियों के आवास के बाहर 11 बजे से शाम 3 बजे तक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
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एसकेएम के मुताबिक, 10 मार्च के विरोध प्रदर्शन से पहले 7 मार्च को किसानों की जिला स्तरीय कमेटी की बैठक होगी. उस बैठक में विरोध प्रदर्शनों की तैयारी और रूप-रेखा पर चर्चा की जाएगी. एसकेएम की अगली बैठक 15 मार्च को चंडीगढ़ में प्रस्तावित है जिसे लेकर किसान संगठन तैयारियों को लेकर मीटिंग करने जा रहे हैं. बुधवार शाम को पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया था जो गुरुवार को समाप्त हो गया.
किसान संगठनों ने बुधवार को चंडीगढ़ जाने और एक हफ्ते के लिए धरना प्रदर्शन करने की तैयारी की थी. इसे लेकर वे अपने मोर्चे से निकल पड़े थे, मगर पंजाब पुलिस ने किसानों को रोक दिया. इसमें कई बड़े नेताओं को हिरासत में भी लिया गया. बाद में एसकेएम ने अपने चंडीगढ़ कूच को रद्द कर दिया. किसान संगठन पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
अभी हाल में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान चंडीगढ़ में किसानों के साथ मीटिंग में थे, लेकिन अचानक नाराज होकर बाहर आ गए. किसानों ने कहा कि सीएम मान बीच बैठक में नाराज होकर बाहर आ गए और कहा कि धरना करना है तो किसान धरना करें. उनके इस रुख से किसान बहुत नाराज हुए क्योंकि मीटिंग सीएम मान ने ही बुलाई थी, मगर वे खुद ही उससे निकल गए.
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दूसरी ओर, सीएम मान ने कहा कि वे खुले मन से किसानों से बात करने गए थे मगर किसान धरने पर अड़े रहे. मान ने बाद में साफ कर दिया कि अब जगह-जगह धरने नहीं होंगे क्योंकि इससे पंजाब की छवि खराब हो रही है, आम लोगों को परेशानी हो रही है और बिजनेस पर असर पड़ रहा है. साथ ही निवेशकों का मन भी पंजाब से दूर जा रहा है. इसे देखते हुए किसानों को अपना धरना प्रदर्शन समेटना होगा.
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