राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने अभिभाषण में देश के अगले 5 वर्षों के लिए सरकार के कामकाज की रूपरेखा सामने रखी और विकास कार्यों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर जोर दे रही है. किसानों की आय और उनकी उपज बढ़ाने के साथ ही भंडारण को लेकर संजीदगी से काम कर रही है. उन्होंने कहा कि आने वाला समय हरित युग का है, हम हरित उद्योगों पर निवेश बढ़ा रहे हैं.
राष्ट्रपति ने लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए अगले 5 सालों के लिए नई सरकार के रोडमैप सामने रखते हुए कहा कि आने वाला समय ग्रीन एरा यानि हरित युग का है. सरकार इसके लिए भी हर जरूरी कदम उठा रही है. हम हरित उद्योगों पर निवेश बढ़ा रहे हैं, जिससे ग्रीन जॉब भी बढ़े हैं. उन्होंने कहा कि रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफार्म के संकल्प ने आज भारत को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना दिया है.
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था की हर वैल्यू पर बहुत जोर दिया है. गांव में कृषि आधारित उद्योगों डेयरी और फिशरीज आधारित उद्योगों का विस्तार किया जा रहा है. इसमें भी सहकारिता को प्राथमिकता दी गई है. सरकार किसानों उत्पाद संघ, एफपीओ और कृषि जैसे सरकारी संगठनों का बड़ा नेटवर्क बना रही है.छोटे किसानों की समस्या भंडारण को लेकर होती है, इसलिए हमारी सरकार ने दुनिया की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना शुरू की है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि के तहत देश के किसानों को 3 लाख 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि प्रदान की है. मेरी सरकार के नए कार्यकाल की शुरुआत से अब तक 20,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों को हस्तांतरित की जा चुकी है. सरकार ने खरीफ फसलों के लिए MSP में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की है.
आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है. आजकल दुनिया में जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है. भारतीय किसानों के पास इस मांग को पूरा करने की पूरी क्षमता है इसलिए सरकार प्राकृतिक खेती और इससे जुड़े उत्पादों की सप्लाई चेन को सशक्त कर रही है.
आज का भारत अपनी वर्तमान जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी कृषि व्यवस्था में बदलाव कर रहा है. हम ज्यादा से आत्मनिर्भर हों और ज्यादा से ज्यादा निर्यात से किसानों की आमदनी बढ़े, यह सोचकर नीतियां बनाई गई हैं. भारत दलहन और तिलहन में दूसरे देशों पर निर्भरता कम करने के लिए देश के किसानों को हर संभव मदद दी जा रही है. बाजार में किस तरह के फूड प्रोडक्ट की डिमांड ज्यादा है, इसके आधार पर नई रणनीति बनाई जा रही है.
आज का भारत, दुनिया की चुनौतियां बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि दुनिया को समाधान देने के लिए जाना जाता है. विश्व-बंधु के तौर पर भारत ने अनेक वैश्विक समस्याओं के समाधान को लेकर पहल की है. जलवायु परिवर्तन से लेकर खाद्य सुरक्षा तक, पोषण से लेकर सस्टेनबल एग्रीकल्चर तक हम अनेक समाधान दे रहे हैं. हमारे मोटे अनाज - श्री अन्न - की पहुंच सुपरफूड के तौर पर दुनिया के कोने-कोने में हो, इसके लिए भी अभियान चल रहा है. भारत की पहल पर पूरी दुनिया ने वर्ष 2023 में इंटरनेशनल मिलेट्स इयर मनाया है. योग और आयुष को बढ़ावा देकर भारत एक स्वस्थ विश्व के निर्माण में मदद कर रहा है. मेरी सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी की क्षमता भी कई गुना बढ़ाई है।
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