गुजरात में आप की किसान पंचायत में हुआ बवाल गुजरात के बोटाद जिले में रविवार को आम आदमी पार्टी ( आप) की तरफ से एक किसान 'महापंचायत' का आयोजन किया गया. किसानों की यह महापंचायत यहां के हद्दाद गांव में तनाव की वजह बन गई. इस महापंचायत में पुलिस पर पथराव किया गया जिसके बाद पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. अधिकारियों की मानें तो घटना में कम से कम तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस ने दावा किया किमें शाम को रैली आयोजित करने के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी.
गांव में आयोजित हुई पंचायत के दौरान तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई. किसान पंचायत में स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई. स्थिति और बिगड़ने पर भीड़ ने पुलिस की गाड़ी पर हमला कर उसे पलट दिया. पुलिस ने अतिरिक्त बल के साथ आंसू गैस का इस्तेमाल कर स्थिति को नियंत्रण में लिया. इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन क्षेत्र में तनाव बना हुआ है. पुलिस मामले की जांच कर रही है और शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.
पुलिस ने कहा कि इस किसान पंचायत की मंजूरी नहीं थी और गैरकानूनी तौर पर लोग जमा हुए थे. जब उन्हें समझाकर वापस लौटने को कहा तब उन्होंने पथराव किया जिसके बाद बल प्रयोग करना पड़ा. कुछ पुलिसकर्मियों को चोट आई है और उनको इलाज के लिए भेजा गया है.पंचायत के लिए पुलिस ने मंजूरी नहीं दी थी और इसके बाद पुलिस ने बोटाद की आने वाले पार्टी के सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया था. इस पंचायत को मकसद किसानों को हो रहे नुकसान को सरकार के सामने लाना था लेकिन फिलहाल यह असफल साबित हुई.
दूसरी ओर पार्टी ने कहा कि स्थानीय मंडी में भ्रष्टाचार के खिलाफ आयोजित 'किसान महापंचायत' में भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हुए थे. पार्टी ने दावा किया कि गुजरात आप अध्यक्ष इसुदान गढ़वी और अन्य को कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया.
घटना की निंदा करते हुए, आप विधायक गोपाल इटालिया ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्रवाई भाजपा सरकार के इशारे पर की गई. उन्होंने कहा, 'आप नेता राजूभाई करपड़ा ने भाजपा के सहयोगियों द्वारा मंडी में किसानों को लूटने की प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई थी. भाजपा और पुलिस ने जानबूझकर शांतिपूर्ण आंदोलन में खलल डाला.'
आप ने एक बयान जारी कर दावा किया है कि उसके कुछ नेताओं को रैली में शामिल होने से रोकने के लिए उन्हें नज़रबंद कर दिया गया था. आप के गुजरात किसान यूनिट के नेता राजूभाई करपड़ा रैली को संबोधित कर रहे थे, तभी पुलिस पहुंची. पार्टी ने कहा कि किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.
आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश अध्यक्ष इसुदान गढ़वी ने 'आजतक' से खास बातचीत करते हुए कहा कि यह भाजपा का षडयंत्र है. भाजपा ने पहले तो महापंचायत को मंजूरी नहीं दी और उसके बाद जब किसान इकट्ठा हुए तो उनको उकसाया गया और भाजपा के आदमियों ने वहां पर पथराव किया. इसमें आम आदमी पार्टी या किसानों का कोई दोष नहीं है. आम आदमी पार्टी बोटाद एपीएमसी में किसानों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ मुहिम चला रही है जिससे किसानों को उनका हक मिले. हमारी सिर्फ दो ही मांग थी कि किसानों को लिखित में भरोसा दिया जाए कि उनकी फसल के सही दाम मिलेंगे और उनको कोई अन्याय नहीं होगा. पर एपीएमसी के भाजपा शासकों को यह मंजूर नहीं है.
गढ़वी ने कहा, अब आम आदमी पार्टी ने किसानों को लिए 2 टोल फ्री नंबर जारी किए हैं जिससे मंडियों में होने वाले अन्याय के खिलाफ किसान वहां पर अपनी शिकायत दे पाएंगे और आम आदमी पार्टी उस मंडी में जाकर उनको हक दिलाने का काम करेगी. आम आदमी पार्टी ने 100 अलग-अलग टीमें बनाई है जो प्रदेश की 600 से ज्यादा सहकारी मंडियों में जाकर किसानों के हित की बात करेगी. साथ ही 31 अक्टूबर को 1 लाख किसानों की महापंचायत की तैयारी कर रहे हैं जिसमें अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे.
वहीं आम आदमी पार्टी पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि आम आदमी पार्टी के गुंडों ने कल पुलिस पर पथराव किया. पुलिस ने पूरी कोशिश की कि संघर्ष ना हो पर आम आदमी पार्टी के लोगों ने यह पथराव किया जिसमें पुलिस वाले घायल हुए. आम आदमी पार्टी का काम ही अराजकता फैलाना है पर गुजरात की जनता आम आदमी पार्टी के मंसूबों को सफल नहीं होने देगी. गुजरात की भाजपा सरकार हमेशा किसानों के हित में काम करती है, इसलिए किसानों का पूरा समर्थन भाजपा को मिलता है.
(ब्रजेश दोषी की रिपोर्ट)
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