रविवार नौ जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने जो पहली फाइल साइन की, वह किसान निधि किस्त से जुड़ी हुई थी. इस फाइल के साइन होने के बाद कर्नाटक के किसानों को भी बड़ा फायदा मिलेगा. पीएम मोदी ने किसान निधि की किस्त को मंजूरी देने वाली फाइल पर साइन किए हैं अब उसके बाद कर्नाटक सरकार ने सोमवार को 17.09 लाख से ज्यादा छोटे किसानों को 3000 रुपये जारी करने का फैसला किया है.
कर्नाटक के राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने मीडिया से कहा कि लाभार्थी किसानों की सूची तैयार की जा रही है. यह मुआवजा होगा. उन्होंने कहा, 'बारिश पर निर्भर रहने वाले किसानों और नहरों के अंतिम छोर पर रहने वाले किसानों को यह मुआवजा मिलेगा, जहां पानी की सप्लाई खराब है.' कैबिनेट उप-समिति की मीटिंग में हर किसान को 3000 रुपये देने का फैसला लिया गया. उन्होंने बताया कि लोकसभा और विधान परिषद चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता के कारण सरकार यह फैसला नहीं ले सकी थी.
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गौड़ा ने बताया कि एनडीआरएफ ने 232 करोड़ रुपये जारी किए हैं, जो काफी नहीं है. इसलिए हमने एसडीआरएफ से 232 करोड़ रुपये और जोड़े गए हैं. इस मुआवजे के अलावा किसानों को फसल बीमा राशि भी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि 1654 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. 136 करोड़ रुपये अभी जारी किए जाने . मंत्री ने कहा कि एक जून को मानसून आने के बाद राज्य में बहुत ज्यादा बारिश हुई. इससे पेयजल संकट कुछ हद तक कम हुआ है. उन्होंने कहा कि हमने अधिकारियों को उन जगहों पर एहतियाती कदम उठाने के निर्देश दिए हैं, जहां भारी बारिश हो रही है.
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पिछले साल कर्नाटक में भयंकर सूखा पड़ा था जिसने कर्नाटक के किसानों को गहरे संकट में डाल दिया था. लेकिन पिछले कुछ दिनों में हुई अच्छी बारिश के बाद से किसान उत्साहित हैं. हालांकि बारिश ने कस्बों और शहरों के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बाढ़ और नालों के जाम होने जैसी मुश्किलें पैदा कर दी हैं. फिर भी भीषण सूखे का सामना करने वाले किसान खुश हैं. ज्यादातर जिलों में अच्छी बारिश हुई है और कुछ मामलों में औसत से भी ज्यादा बारिश हुई है. इसकी वजह से तालाब में पानी का प्रवाह धीरे-धीरे बढ़ा है.
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