केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल इस साल पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को 72 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में पीयूष गोयल को मुंबई उत्तर से लोकसभा टिकट दिया गया है. इस समय पीयूष वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, टेक्सटाइल मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. केंद्रीय मंत्री इस समय राज्यसभा से सांसद हैं. पीयूष के पास पूर्व में रेलवे, वित्त, कॉर्पोरेट मामले, कोयला, बिजली, रिन्यूबल एनर्जी और खनन जैसे मंत्रालय भी रह चुके हैं. 35 साल में यह पहली बार होगा जब पीयूष मुंबई की जनता से अपने लिए वोट मांगेंगे.
साल 2014 से 2017 तक पीयूष बिजली, कोयला और रिन्यूबल एनर्जी मिनिस्टर थे. उस समय मंत्री रहते हुए उन्होंने 'उजाला' नामक दुनिया के सबसे बड़े एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू किया था. गोयल के नेतृत्व में ही भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को साइन किया था. इसे आज भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे तेज लागू होने वाला एफटीए माना जाता है.
गोयल ने 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं की शुरूआत की थी. साथ ही दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लागू होने में अहम भूमिका निभाई थी.
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पीयूष गोयल के पिता वेदप्रकाश दो दशकों से अधिक समय तक जहाजरानी मंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष थे. उनकी मां, चंद्रकांता गोयल, मुंबई से तीन बार महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनी गईं थीं. बीजेपी ने असाधारण तौर पर अपने अनुभवी नेता को राज्यसभा में तीसरे कार्यकाल के लिए नामित किया था. इसे एक असाधारण फैसला करार दिया गया था. लेकिन अब गोयल को अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए नामित किया गया है.
गोयल मुंबई के ही रहने वाले हैं और ऐसे में वह अपने गृहनगर में अपने वोटर्स से पहली बार लोकसभा के लिए वोट मागेंगे. गोयल वर्तमान में उस टीम का भी नेतृत्व कर रहे हैं जो दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत कर रही है. वह उस पिछली टीम का भी हिस्सा थे जिसने केंद्र सरकार और किसान यूनियनों के बीच महीनों तक चली खींचतान के बाद किसानों को दिल्ली की सीमाओं से पीछे धकेलने में प्रभावी ढंग से मदद की थी.
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राजनीतिक विश्लेषक एक अनुभवी सांसद के तौर पर गोयल को एक प्रभावी 'फ्लोर मैनेजर' बताते हैं. तीन तलाक और अनुच्छेद 370 कानून जैसे महत्वपूर्ण विधेयकों को पास करने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है. अपने गृह राज्य महाराष्ट्र की जनता के अलावा विपक्ष के नेताओं के साथ भी पीयूष गोयल के बहुत अच्छे संबंध हैं. अपनी पार्टी के अंदर गोयल ने साल 2004 के बाद से ही सभी चुनावों में केंद्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
जिस समय अरुण जेटली बीमार थे तो उनकी अनुपस्थिति में कुछ समय के लिए वह देश के वित्त मंत्री के तौर पर भी काम कर चुके हैं. साल 2019 में पीयूष गोयल ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नरेंद्र मोदी सरकार बजट पेश किया था जिसे विशेषज्ञों ने सबसे अच्छा बजट करार दिया था. उनके नाम वित्त मंत्री के रूप में केंद्रीय बजट पेश करने वाले एकमात्र चार्टर्ड अकाउंटेंट होने का रिकॉर्ड भी है. राजनीति में 35 साल बिताने के बाद, गोयल अपने गृह क्षेत्र मुंबई में वोट मांगते हुए बुनियादी बातों की ओर लौटेंगे.
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