केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश में खेती-किसानी की प्रगति के संबंध में कृषि भवन, नई दिल्ली में साप्ताहिक समीक्षा की. साथ ही भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नैफेड) और राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) के कामकाज की भी अलग-अलग बैठकों में समीक्षा करते हुए किसानों के हित में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने कृषि क्षेत्र की समीक्षा करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों से फसलों की कटाई, बुआई, उपार्जन, उर्वरक, खाद-बीज की उपलब्धता, मौसम व सिंचाई के लिए जलाशयों आदि की स्थिति की जानकारी ली. अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री चौहान को बताया कि पूरे देश में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जलाशयों की कुल संग्रहण स्थिति बेहतर है और इसी अवधि के दौरान सामान्य संग्रहण से भी बेहतर है.
161 जलाशयों में उपलब्ध संग्रहण पिछले वर्ष की इसी अवधि के संग्रहण का 118% और पिछले दस वर्षों के औसत संग्रहण का 119% है. आगामी खरीफ सीजन 2025 के लिए उर्वरकों की आवश्यकता पर राज्यों के साथ समन्वय किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने अधिकारियों से किसानों को खाद-बीज आदि की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा. साथ ही, उपज के थोक व खुदरा मूल्यों के बारे में समीक्षा करते हुए विभागीय अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए.
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केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को अधिकारियों ने बैठक में बताया कि ग्रीष्मकालीन बुआई के मौसम के लिए 27 अप्रैल 2025 तक धान की बुआई में पिछले वर्ष की तुलना में 4.03 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्ज की गई है, जो 27.64 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 31.67 लाख हेक्टेयर हो गई है. मूंग और उड़द के रकबे में भी क्रमशः 3.13 लाख हेक्टेयर और 0.43 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है (25 अप्रैल 2025 तक). मूंग, चना और उड़द आदि के रकबे में भी वृद्धि हुई है. गेहूं के लिए प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और बिहार हैं. कटाई की स्थिति (25.04.2025 तक) इस प्रकार है: मध्य प्रदेश (100%), उत्तर प्रदेश (88%), राजस्थान (100%), गुजरात (100%), हरियाणा (92%), पंजाब (80%) और बिहार (88%) गेहूं की कटाई पहले ही हो चुकी है. आज की तारीख में सभी राज्यों में फसल लगभग परिपक्वता चरण को पार कर चुकी है. मूंगफली की बुआई में भी वृद्धि हुई है.
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नैफेड के प्रबंध निदेशक ने केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह को नैफेड के कार्यों की विस्तृत जानकारी देने के साथ ही चावल और गेहूं के बफर स्टॉक की जानकारी भी दी. गेहूं का वास्तविक स्टॉक 74.60 एलएमटी के बफर मानक के मुकाबले 117.94 एलएमटी है. चावल का वास्तविक स्टॉक 135.80 एलएमटी के बफर मानक के मुकाबले 382.09 एलएमटी है. चावल और गेहूं का वास्तविक स्टॉक 210.40 एलएमटी के बफर मानक के मुकाबले 500.03 एलएमटी है. केंद्रीय मंत्री ने बफर स्टॉक में वृद्धि पर खुशी जताई, वहीं चौहान ने नैफेड को निर्देश दिए कि ऐसे प्रयास किए जाएं, जिससे कि उपभोक्ताओं को चीजें सस्ती मिलें और किसानों को भी अच्छे दाम मिल सकें, जो कि खेतों में दिन-रात कड़ी मेहनत करते है.
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड की समीक्षा के दौरान अधिकारियों ने बताया कि बागवानी में भी क्षेत्रफल बढ़ा है और उपज भी अच्छी आ रही है. शिवराज सिंह ने टमाटर सहित जल्दी खराब होने वाली उपज के संबंध में किसानों को उनकी मेहनत के हिसाब से समुचित दाम मिले, इसके उपाय करने को कहा. बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण सचिव देवेश चतुर्वेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.
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