लीची में स्टिंक कीट का बढ़ता खतरा, किसान आज ही अपनाएं ये आसान उपाय  

लीची में स्टिंक कीट का बढ़ता खतरा, किसान आज ही अपनाएं ये आसान उपाय  

गर्मी के मौसम में लीची की फसल पर स्टिंक कीट (Stink Bug) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. यह कीट लीची के कोमल हिस्सों से रस चूसते हैं, जिससे फूल और फल काले होकर गिर जाते हैं. अगर समय रहते बचाव नहीं किया गया, तो किसानों को भारी नुकसान हो सकता है.

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लीची में स्टिंक कीट का बढ़ता खतरा, किसान आज ही अपनाएं ये आसान उपाय  लीची में स्टिंक कीट का खतरा

गर्मी के मौसम में आम और लीची की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. खाकर लीची की बात करें तो बिहार और यूपी के कुछ इलाकों में इसकी खेती होती है. ऐसे में गर्मी के मौसम में लीची की फसल पर स्टिंक कीट (Stink Bug) का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. यह कीट लीची के कोमल हिस्सों से रस चूसते हैं, जिससे फूल और फल काले होकर गिर जाते हैं. अगर समय रहते बचाव नहीं किया गया, तो किसानों को भारी नुकसान हो सकता है.

कैसे पहचाने लीची में स्टिंक कीट का हमला?

स्टिंक कीट छोटे लेकिन खतरनाक होते हैं. ये पौधे की नई शाखाओं और फूलों से रस चूसते हैं, जिससे फल नष्ट हो जाते हैं और पेड़ की वृद्धि रुक जाती है.

स्टिंक कीट से बचाव के लिए करें ये उपाय

  • बुप्रोफेजिन 25% SC का छिड़काव- 1.5 मि.ली. बुप्रोफेजिन को 1 लीटर पानी में मिलाकर छिड़कें.
  • इमिडाक्लोप्रीड 17.8% SL का उपयोग- 1 मि.ली. दवा को 3 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.

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लीची के अन्य कीट और उनके समाधान

दहिया कीट

यह कीट लीची के पौधों की कोशिकाओं से रस चूसते हैं, जिससे तने और मंजर सूख जाते हैं.

बचाव के उपाय

  • बाग की मिट्टी की गुड़ाई करें ताकि कीट के अंडे नष्ट हो जाएं.
  • तने के निचले हिस्से में 30 से.मी. चौड़ी प्लास्टिक की पट्टी लपेटें और उस पर ग्रीस लगाएं.
  • तने को जड़ से 3-4 फीट तक चूने से पोतें.
  • इमिडाक्लोप्रीड या थायोमेथाक्साम दवा का छिड़काव करें.

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लीची माईट (माइट कीट)

 ये कीट पत्तियों के नीचे से रस चूसते हैं, जिससे पत्तियाँ मखमली होकर सूखने लगती हैं.

बचाव के उपाय

  • संक्रमित पत्तियों और टहनियों को काटकर जला दें.
  • सल्फर, इथियॉन या प्रोपरजाईट दवाओं में से किसी एक का छिड़काव करें (निर्दिष्ट मात्रा में).

किसानों के लिए सलाह

फसलों की नियमित निगरानी करें और समय रहते कीट प्रबंधन अपनाएं. जैविक व रासायनिक दोनों उपायों से लीची की फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है.


 
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