महाराष्‍ट्र में बनेगी नई एग्रीकल्‍चर पॉलिसी, हर जिले में 'कृषि मंत्री कक्ष' से होगा किसानों की समस्‍या का समाधान

महाराष्‍ट्र में बनेगी नई एग्रीकल्‍चर पॉलिसी, हर जिले में 'कृषि मंत्री कक्ष' से होगा किसानों की समस्‍या का समाधान

कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने अमरावती में आयोजित कृषि विकास परिषद और प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में घोषणा करते हुए कहा कि राज्‍य सरकार किसानों को केंद्र बिंदु में रखकर नई कृषि‍ नीति बनाएगी. इससे किसानों को बहुत फायदा होगा. इसके अलावा हर जिले में किसानों की समस्‍याओं के समाधान के लिए कृषि‍ मंत्री कक्ष बनाया जाएगा.

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महाराष्‍ट्र में बनेगी नई एग्रीकल्‍चर पॉलिसी, हर जिले में 'कृषि मंत्री कक्ष' से होगा किसानों की समस्‍या का समाधानमहाराष्‍ट्र में बनेगी नई कृषि नीति

महाराष्‍ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने शुक्रवार को अमरावती में किसानों के हित से जुड़ी कुछ घोषणाएं कीं. कृषि मंत्री ने कहा कि 'शेती ही आपला कणा आहे'- कृषि हमारी रीढ़ है, इसी विचार के साथ राज्य सरकार नई कृषि नीति बनाएगी, जिससे किसानों को केंद्र में रखकर उनकी समस्याओं का समाधान हो सके. कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने यह घोषणा अमरावती में आयोजित कृषि विकास परिषद और प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में की. इस भव्य प्रदर्शनी में 288 स्टॉल्स और 381 किसान शामिल हुए, जहां आधुनिक खेती के तरीकों, जैविक खेती, सिंचाई उपकरणों और एआई तकनीकों पर जानकारी दी गई.

कृषि मंत्री कोकाटे ने कहा कि बदलते मौसम और बाजार की अस्थिरता के कारण किसानों को पूरक व्यवसाय अपनाने की जरूरत है. उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों के हित में मजबूती से खड़ी है और किसानों को केंद्र बिंदु मानकर कृषि नियोजन किया जाएगा.

जिलास्तर पर कृषि मंत्री कक्ष की स्थापना

मंत्री ने कहा कि किसानों की समस्याओं के तत्काल समाधान के लिए हर जिले में कृषि मंत्री कक्ष स्थापित किया जाएगा, जहां से प्राप्त सुझावों को 24 घंटे के अंदर मंत्रालय को भेजा जाएगा. साथ ही, कृषि विकास योजनाओं की निगरानी के लिए विभागीय समिति का गठन होगा, जिसकी अध्यक्षता कृषि मंत्री खुद करेंगे.

1. डीबीटी योजना में सुधार: अब डीबीटी योजना से बाहर हुई योजनाओं को फिर शामिल किया जाएगा.

2. मशीनरी वितरण प्रणाली बदलेगी: अब पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर कृषि यंत्र और अन्य इनपुट्स दिए जाएंगे, जिससे किसानों को लॉटरी प्रक्रिया की परेशानी से राहत मिलेगी.

3. मल्चिंग पेपर पर अनुदान: कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए सभी मल्चिंग पेपर पर अनुदान मिलेगा और उसकी गुणवत्ता जांच के लिए कृषि विभाग को उपकरण दिए जाएंगे.

4. कीटनाशकों की कीमतों पर नियंत्रण: राज्य सरकार केंद्र सरकार से कीटनाशकों के दाम तय करने की मांग करेगी.

5. वन्यजीवों से फसल सुरक्षा: खेतों की सुरक्षा के लिए बांस, काटेसावर और करवंद की बाड़ लगाने पर जोर दिया जाएगा, ताकि किसान को अतिरिक्त आय भी मिल सके.

प्रदर्शनी में AI तकनीक और जैविक खेती पर जोर

खासदार डॉ. अनिल बोंडे ने कहा कि कृषि क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग जरूरी है, जिससे खेती अधिक लाभदायक और आसान होगी. इस दौरान संत्रा पीक प्रबंधन, ड्रोन स्प्रे तकनीक, जैविक खेती प्रमाणीकरण जैसे विषयों पर कार्यशाला का आयोजन हुआ. इस अवसर पर आधुनिक कृषि यंत्र, गृह उपयोगी वस्तुएं, मिलेट्स उत्पाद, सिंचाई साधन, जैविक अनाज और विभिन्न सरकारी योजनाओं से संबंधित स्टॉल्स लगाए गए.

उद्घाटन के दौरान कृषि मंत्री ने सभी स्टॉल्स का निरीक्षण कर स्टॉल लगाने वालों से बातचीत की भी. कार्यक्रम में खासदार डॉ. अनिल बोंडे, आमदार सुलभा खोडके, आमदार प्रवीण तायडे, आमदार राजेश वानखड़े, कृषि आयुक्त सूरज मांढरे, जिलाधिकारी सौरभ कटियार समेत अन्य लोग उपस्थित थे.

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