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तूफान और ओलावृष्टि से चौपट दक्षिण कश्‍मीर में सेब और चेरी की फसलें, पीडीपी और नेशनल कॉन्‍फ्रेंस ने की यह बड़ी मांग  

तूफान और ओलावृष्टि से चौपट दक्षिण कश्‍मीर में सेब और चेरी की फसलें, पीडीपी और नेशनल कॉन्‍फ्रेंस ने की यह बड़ी मांग  

खराब मौसम ने फलों और अनाज उत्‍पादन पर पर कहर बरपाया है. इससे कई छोटे किसानों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ा है. अब इन्‍हें अपने भरण-पोषण के लिए पर्याप्त मुआवजे की जरूरत है. नेशनल कॉन्‍फ्रेंस की तरफ से कहा गया है कि विनाशकारी मौसम की स्थिति ने धान, मक्का, सेब, चेरी, अखरोट और बादाम जैसी कई फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. पेड़ों के वनस्पति भाग नष्‍ट हो गए हैं और किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया है.

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दक्षिण कश्‍मीर के किसानों की मेहनत हुई खराब (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर) दक्षिण कश्‍मीर के किसानों की मेहनत हुई खराब (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों से पहले दक्षिण कश्‍मीर में आया तूफान नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के लिए बड़ा चुनावी मसला बन गया है. दोनों पार्टियों ने कुलगाम और शोपियां जिलों के कई हिस्सों में चली तूफानी हवाओं और तेज बारिश की वजह से बागों को हुए भारी नुकसान पर चिंता जताई है. साथ ही पार्टियों की तरफ से किसानों के लिए मुआवजे की मांग की गई है. पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने एक्‍स पर एक पोस्‍ट लिखकर इस बारे में जिक्र किया है. वहीं एनसी की तरफ से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया है. 

कुलगाम में सेब के बगीचे तबाह 

पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, 'कुलगाम में भारी बारिश और ओलावृष्टि ने सेब के बगीचों को तबाह कर दिया है. स्थानीय प्रशासन को नुकसान का आकलन करने और बागवानों को मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए बागवानी विभाग की एक टीम को तत्काल तैनात करना चाहिए.' दूसरी ओर किसानों और बागवानों के लिए उचित मुआवजे की मांग करते हुए, एनसी के राज्य प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कुलगाम और शोपियां में ओलावृष्टि, बारिश और तेज हवाओं से फसलों को हुए भारी नुकसान का जिक्र किया. उन्‍होंने कहा कि नुकसान की गंभीरता है कि वर्तमान प्रशासन इस पर तुरंत ध्यान दे. 

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मक्‍का से लेकर बादाम की फसलें चौपट 

इमरान का  कहना था कि खराब मौसम ने फलों और अनाज उत्‍पादन पर पर कहर बरपाया है. इससे कई छोटे किसानों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ा है. अब इन्‍हें अपने भरण-पोषण के लिए पर्याप्त मुआवजे की जरूरत है. इमरान का कहना था कि विनाशकारी मौसम की स्थिति ने धान, मक्का, सेब, चेरी, अखरोट और बादाम जैसी कई फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. पेड़ों के वनस्पति भाग नष्‍ट हो गए हैं और किसानों की महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया है. इसके अलावा ओलावृष्टि की वजह से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों और पशुओं दोनों को नुकसान पहुंचा है. साथ ही घरों और बिजली ट्रांसमिशन लाइनों को भी नुकसान पहुंचा है. 

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फसल बीमा लागू करने की मांग 

इमरान का कहना था कि चेरी की खेती करने वाले किसानों को हुए नुकसान का आकलन खासतौर पर करने के लिए तुरंत कदम उठाना होगा. नेशनल कॉन्‍फ्रेंस के अनुसार तत्काल कार्रवाई की जरूरत है ताकि सही उचित मुआवजा तय किया जा सके जिसे जरूरतमंदों को तेजी से बांटा जा सके. साथ ही प्रभावित लोगों को उचित और समय पर सहायता सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के आधार पर मुआवजा दिया जाना चाहिए. साथ ही उन्‍होंने अपील की कि भारत सरकार बिना किसी देरी के जम्मू-कश्मीर में फसल बीमा योजना को लागू करे.