देश भर में खरीफ सीजन की फसल कटाई के बाद पराली प्रबंधन की समस्या सामने आती है. खासकर उत्तर भारत के राज्यों में इसकी समस्या और बढ़ जाती है, क्योंकि इससे दिल्ली की हवा प्रदूषित होती है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाएं न रुकने पर कई राज्यों की सरकार को फटकार लगाई थी. वहीं, केंद्र सरकार से नियमों के उल्लंघन करने जुर्माना बढ़ाने पर विचार करने को कहा था, जिसके बाद केंद्र ने बीते दिनों जुर्माना बढ़ा दिया. अब जुर्माना बढ़ाए जाने के बाद कांग्रेस भाजपा सरकार पर हमलावर है.
'दि ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने भाजपा पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि किसानों के हित में काम करने की जगह भाजपा सरकार उनका शोषण कर रही है. किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई की जा रही है और जगह-जगह उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है. किसान मंडी में परेशानियों का सामना कर रहे हैं. अब केंद्र सरकार ने अब पराली जलाने पर जुर्माना डबल कर दिया है. कांग्रेस इस फैसले की निंदा करती है.
ये भी पढ़ें - DAP और धान लिफ्टिंग के मुद्दे पर KMM करेगा आंदोलन, पंजाब सरकार को दिया 10 नवंबर का अल्टीमेटम
अपने बयान में कुमारी शैलजा ने कहा कि किसान अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं जिसमें 750 किसान जान गवां चुके हैं. पराली जलाने की समस्या कोई नई नहीं है, ऐसा सालों से होता आ रहा है. वहीं, इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है. सरकार को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे किसानों खुद पराली न जलाएं. सरकार चाहे तो जिला लेवल पर पराली खरीदने के लिए केंद्र बना सकती है और अपने स्तर पर पराली का निपटान कर सकती है. सरकार किसानों पर इसके लिए जुर्माना लगाकर या उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करके अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती.
उन्होंने कहा कि पराली जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद केंद्र सरकार ने अब जुर्माने की राशि डबल करके किसानों पर अपनी खीझ निकाली है. पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, अब पराली जलाने पर दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों पर 5,000 रुपये, दो से पांच एकड़ जमीन वाले किसानों पर 10,000 रुपये और पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसानों पर 30,000 रुपये का जुर्माना लगेगा. ये नियम उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली लागू रहेंगे.
वहीं, आज राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मीडिया से कहा कि राज्य में खाद की कमी है और न ही किसानों को एमएसपी का लाभ मिल रहा है. वे इन मुद्दो को आगामी विधानसभा सत्र में उठाएंगे. वहीं, उन्हाेंने नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के सवाल पर कहा कि अभी सब महाराष्ट्र चुनाव को लेकर व्यस्त हैं. इसके बाद इस पर फैसला होगा.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today