लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही बारामती लोकसभा क्षेत्र में राजनीति गरमा गई है. दिग्गज नेता शरद पवार के पोते और अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार राजनीतिक क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं. युगेंद्र राजनीति में अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे पवार परिवार की तीसरी पीढ़ी का हिस्सा हैं. युगेंद्र, उपमुख्यमंत्री अजित पवार के भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं और दिग्गज शरद पवार के करीबी रहे हैं. वह शरद पवार द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थान विद्या प्रतिष्ठान के कोषाध्यक्ष हैं और बारामती तालुका कुस्तिगिर परिषद के प्रमुख भी हैं.
राष्ट्रवादी कांग्रेस में वर्टिकल विभाजन के बाद शरद पवार बनाम अजित पवार जैसे गुट बन गए हैं. अजित पवार को चुनाव आयोग ने पार्टी और सिंबल दे दिया है. इससे पार्टी के संस्थापक शरद पवार को बड़ा झटका लगा है. अब, पवार परिवार में ही बड़ी दरार के बाद राज्य भर में यह चर्चा शुरू हो गई है कि परिवार के कौन से सदस्य किसके पक्ष में हैं. हाल ही में अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार की शरद पवार से मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. एक भतीजे द्वारा अपने चाचा को छोड़ने के बाद अब भतीजे युगेंद्र द्वारा अपने चाचा अजित पवार को छोड़ने की चर्चा है.
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अजित पवार बीजेपी से हाथ मिलाकर सत्ता में आए, जिसके बाद नेशनलिस्ट पार्टी और सिंबल अजित पवार गुट के पास चला गया. लेकिन कहा जा रहा है कि अजित पवार ने जो फैसला लिया है वो पवार परिवार को मंजूर नहीं है. चार दिन पहले अजित पवार ने एक सार्वजनिक बैठक में कहा था कि मेरे परिवार के अलावा कोई भी मेरे लिए प्रचार नहीं करेगा. कुछ दिनों के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के करीबी भाई श्रीनिवास पवार के बेटे युगेंद्र पवार ने बारामती में एनसीपी शरद चंद्र पवार शहर कार्यालय का दौरा किया. युगेंद्र पवार ने शहर कार्यालय से शरद पवार के हाथों को मजबूत करने की अपील की. कुल मिलाकर युगेंद्र पवार के शरद पवार गुट में शामिल होने से अजित पवार के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है.
युगेंद्र, अजित पवार के छोटे भाई श्रीनिवास पवार के बेटे हैं. युगेंद्र पवार विद्या प्रतिष्ठान शिक्षा संस्थान के कोषाध्यक्ष हैं. युगेंद्र पवार शरयू ग्रुप के जरिए बिजनेस में सक्रिय हैं. शरयू फाउंडेशन के माध्यम से बारामती, इंदापुर और फलटन तालुका में कई सामाजिक कार्य किए गए. वनीकरण, जलधाराओं को गहरा करना, कुओं का निर्माण कई किसानों से जुड़ा हुआ है. युगेंद्र पवार फलटन तालुक में शरयू शुगर फैक्ट्री को देखते हैं. युगेंद्र पवार बारामती तालुका कुस्तिगिर संघ के अध्यक्ष हैं.
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युगेंद्र ने थोड़े दिन पहले एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था, 'मैंने नहीं सोचा था कि मेरे आगमन की इतनी चर्चा होगी. वर्तमान राजनीति अच्छी नहीं है. राजनीति एक अलग परिवार है लेकिन अब ऐसा नहीं होना चाहिए था. मुझे परेशानी हो रही है लेकिन फिर भी नहीं लगता कि काकी (सुनेत्रा पवार) ताई के खिलाफ खड़ी होंगी. सुप्रिया सुले का काम अच्छा है. मुझे नहीं लगता कि दादा को अकेला किया जा रहा है. युगेंद्र पवार ने कहा कि मैं ताई और दादा को कोई सलाह नहीं दे सकता क्योंकि मैं उतना बड़ा नहीं हूं.'
अजित पवार ने कहा कि पिछले हफ्ते मैं परिवार में अलग-थलग पड़ गया था. पांच दिनों के अंदर अजित पवार के भतीजे युगेंद्र पवार ने बारामती में शरद पवार के पार्टी कार्यालय का दौरा किया. इसके बाद कई राजनीतिक चर्चाएं उठीं. युगेंद्र पवार के पार्टी दफ्तर जाने के बाद एक ही चर्चा शुरू हो गई है. युगेंद्र के पार्टी कार्यालय जाने के बाद शरद पवार ने युगेंद्र पवार की तारीफ की. सांसद सुप्रिया सुले ने कहा है कि मैं चाहूंगी कि युगेंद्र पवार मेरे लिए प्रचार करें.
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