दिल्ली के चांदनी चौक से भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने शनिवार को कहा कि किसानों को अपने मुद्दों को लेकर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात करनी चाहिए. उन्हाेंने इस दौरान कहा कि केंद्र सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कदम उठाए गए हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की. प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि हमारे देश में किसानों का सबसे ज्यादा सम्मान प्रधानमंत्री मोदी करते हैं. समय-समय पर पीएम मोदी और भारत सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं. अगर अभी भी कुछ बचा है तो किसानों को कृषि मंत्री और अन्य सरकारी अधिकारियों से मिलकर अपनी मांगों को सामने रखना चाहिए.
शुक्रवार को किसानों ने केंद्र सरकार से फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर 'दिल्ली चलो' मार्च किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर रोक दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए, जिसमें कई किसान घायल हो गए.
इससे पहले डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च के दौरान पुलिस के एक्शन की निंदा करते हुए इसे "बल का अमानवीय प्रयोग" बताया. एक्स हैंडल पर एक पोस्ट लिखते हुए कनमोझी ने केंद्र सरकार को किसान प्रतिनिधियों से तुरंत बातचीत करने और बिना देरी किए उनकी मांगों को संबोधित करने को कहा.
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वहीं शुक्रवार को किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत के मूड में नहीं लग रही है. हम उनकी ओर से मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए कोई सकारात्मक पहल नहीं देख पा रहे हैं. मार्च के दौरान पुलिस की कार्रवाई में 20 किसान घायल हुए हैं. 14 किसान अस्पताल में भर्ती हैं, 2 गंभीर रूप से घायल हैं और एक को पटियाला रेफर किया गया है.
पंढेर ने ऐलान किया है कि अगर केंद्र सरकार शनिवार तक किसानों से बातचीत नहीं करती है तो 101 किसानों का एक समूह 8 दिसंबर को दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर कूच करेगा. इस विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य मुआवजा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी सहित कई मांगों को लेकर दबाव बनाना है.
इससे पहले शुक्रवार को राज्यसभा में खेती-किसानी से जुड़े सवाल पूछे गए जिस पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेबाकी से जवाब दिए. उन्होंने एमएसपी और किसानों की कर्जमाफी के बजाय आय बढ़ाने संबंधी अपना प्लान सदन के सामने रखा.
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