हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलानइस साल के बीच में हरियाणा के कई जिलों में बाढ़ आ गई थी. बाढ़ के कारण किसानों की फसलें खराब हो गईं और उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ा था. कई खेत पानी में डूब गए और किसानों को अपनी मेहनत का नुकसान सहना पड़ा. ऐसे में आज कई महीनों के बाद सरकार ने किसानों की सहायता के लिए एक नया पोर्टल शुरू किया. इस पोर्टल पर किसानों ने अपनी फसल के नुकसान की जानकारी दी. इससे सरकार को पता चला कि किस किसान को कितनी मदद की ज़रूरत है.
सरकार ने आज 53,821 किसानों को 116 करोड़ रुपये दिए हैं. यह पैसा उन्हें उनकी फसल खराब होने की वजह से दिया गया है. सरकार ने कहा कि किसानों की तकलीफ हमारी तकलीफ है और हम हमेशा उनके साथ हैं.
चरखी दादरी, हिसार और भिवानी जिले बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए थे. चरखी दादरी के किसानों को 23.55 करोड़ रुपये मिले. हिसार के किसानों को 17.82 करोड़ रुपये और भिवानी के किसानों को 12.15 करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया गया. इन जिलों में सबसे ज़्यादा खेतों को नुकसान हुआ था.
कुल 31 लाख एकड़ जमीन को बाढ़ से प्रभावित बताया गया था. जांच करने के बाद 21 लाख एकड़ जमीन को नुकसान वाला क्षेत्र माना गया. इन किसानों को बाढ़ राहत का पैसा दिया गया. सरकार ने कहा कि हर किसान को सही और समय पर मदद देना हमारी ज़िम्मेदारी है. सरकार ने बताया कि वह किसानों के साथ हमेशा खड़ी है. कठिन समय में किसान अकेले नहीं हैं. सरकार उनकी हर समस्या में मदद करने की कोशिश कर रही है. किसानों का भला करना सरकार का पहला काम है.
फसल की जांच के दौरान कुछ कर्मचारियों ने अपना काम ठीक से नहीं किया. छह पटवारियों पर सरकार ने कार्रवाई की है. सरकार ने कहा कि हम जनता को जवाब देने के लिए हैं, और कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सरकार ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में किसानों की बातों को नजरअंदाज किया जाता था. किसानों को गंभीरता से नहीं लिया जाता था, जबकि हमारी सरकार किसानों की हर बात सुनती है और उनकी मदद करती है.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों से अपील की कि वे काम पर लौट आएं. उन्होंने कहा कि लोगों की सेवा करना डॉक्टरों का कर्तव्य है. डॉक्टरों की चार मांगें थीं, जिनमें से दो पर सरकार नोटिफिकेशन दे चुकी है और बाकी पर विचार चल रहा है. उन्होंने कहा कि हड़ताल सही तरीका नहीं है.
नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस में “पद बेचने” जैसी बातें नई नहीं हैं. उन्होंने कहा कि कॉमनवेल्थ गेम्स के समय भी ऐसे बयान आए थे और यह कांग्रेस की पुरानी आदत है. उन्होंने कहा कि ऐसी परंपराएं कांग्रेस पार्टी में लंबे समय से चली आ रही हैं.
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