एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत 13 मांगों को लेकर पिछले एक साल से चल किसान आंदोलन को एक साल पूरे हो चुके हैं. पिछले साल आंदोलन शुरू होने के कुछ दिन बाद ही बड़े विरोध-प्रदर्शन के दौरान एक 23 वर्षीय किसान शुभकरण की मौत हो गई थी. आज शुभकरण की पहली बरसी है. ऐसे में सभी किसान नेता बठिंडा में शुभकरण के पैतृक गांव बल्लो में बरसी के लिए इकट्ठा होंगे. इस दौरान बल्लो गांव में किसान आंदोलन के शहीद किसान शुभकरण की मूर्ति लगाई जाएगी.
किसान नेताओं ने बताया कि कल बल्लो गांव के अलावा तीनों मोर्चों पर और अन्य राज्यों में अलग-अलग जगहों पर शुभकरण सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए सभा आयोजित की जाएगी. वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने शुभकरण की मौत के लिए जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई नहीं होने का मुद्दा उठाया है.
शुभकरण की शहादत की बरसी के बाद अगले दिन चंडीगढ़ में 22 फरवरी को शाम 6 बजे सरकार और किसानों की 6वीं बैठक होनी है. इसमें संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के किसान नेता शामिल होंगे. पिछली बार किसानों की ओर से 28 सदस्यीय प्रतिनिधिदल बैठक के लिए गया था, लेकिन दो किसान नेता सड़क हादसे के कारण शामिल नहीं हो सके थे.
वहीं, इस बाद सरकार की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद बैठक का नेतृत्व करेंगे, उनके साथ दो अन्य केंद्रीय मंत्री भी बैठक में मौजूद रहेंगे. पिछली बैठक में किसानों ने अपनी सभी मांगें डॉक्यूमेंट्स के साथ सरकार को सौंपी थीं, साथ ही आम बजट में कृषि क्षेत्र को लेकर की गई घोषणाओं पर भी चर्चा छेड़ी थी.
वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का आज 87वां दिन है. डल्लेवाल दातासिंहवाला-खनौरी किसान मोर्चे पर अनशन कर रहे हैं. उन्होंने आज मीडिया को बयान भी दिया. डल्लेवाल ने श्री हरमंदिर साहिब जी से आया पवित्र जल, मक्का-मदीना से आया आबे-जमजम, हरिद्वार से आया गंगाजल और हरियाणा के 150 से अधिक गांवों के खेतों के ट्यूबवेलों से आया हुआ जल ग्रहण किया.
उन्होंने उन सभी किसान भाइयों-बहनों का धन्यवाद किया, जो इतनी दूर-दूर से उनके लिए जल लेकर आए. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि शुभकरण सिंह की शहादत को कल 1 साल हो जाएगा, लेकिन अब तक उन अधिकारियों पर कोई कारवाई नहीं की गई, जिनकी वजह से उसकी जान गई.
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसान यूनियनों की संपूर्ण एकता को लेकर कहा कि वह हमेशा से किसान संगठनों की एकता के पक्ष में रहे हैं, पहले भी संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने एकता के लिए मजबूत कोशशें की थीं और आगे भी ये प्रयास जारी रहेंगे.
एकता के क्रम में हमने 27 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा के साथ चंडीगढ़ में बैठक बुलाई है. किसान नेताओं ने कहा कि देश के किसानों की सभी 23 फसलों की MSP पर सम्पूर्ण खरीद कराने के लिए MSP गारंटी कानून की लड़ाई पिछले 1 वर्ष से पूर्ण मजबूती से लड़ी जा रही है और 22 फरवरी को केंद्र सरकार के साथ प्रस्तावित मीटिंग में किसानों का पक्ष पूर्ण मजबूती से रखा जाएगा.
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