कई संगठनों के किसान पंजाब-हरियाणा राज्य और दिल्ली की सीमाओं पर अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं. किसान नेताओं और सरकार के बीच आज शाम को चौथी बैठक होने जा रही है. ऐसे में किसानों की पेंशन, कर्जमाफी समेत कुछ मांगों पर सरकार सहमति जता सकती है. इसके अलावा एमएसपी पर कमेटी स्थापित करने पर भी निर्णय लिया जा सकता है. बता दें कि किसान 13 फरवरी से अपनी मांगों को लेकर आंदोलित हैं और दिल्ली में प्रदर्शन करने के लिए राज्य सीमाओं पर डटे हुए हैं.
किसान अपनी मांगों को लेकर 13 फरवरी को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के लिए 11 फरवरी को दिल्ली कूच के लिए निकले थे. किसानों को समझाने-बुझाने के लिए सरकार के प्रतिनिधियों और किसानों के बीच 8 फरवरी, 12 फरवरी और 15 फरवरी को मीटिंग हुई है, लेकिन इनमें कोई सफलता नहीं मिली. 12 फरवरी की शाम को किसान नेताओं और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों के बीच कई घंटे की बैठक में भी कोई नतीजा नहीं निकला. अब आज 18 फरवरी की शाम को फिर से चौथी बैठक होने जा रही है. इस बैठक में पंजाब किसान मजदूर मोर्च के महासचिव सरवन सिंह पंढेर, किसान मोर्चा के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत कई किसान संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. जबकि, सरकार की ओर से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और नित्यानंद राय शामिल होंगे.
किसानों की मांग है कि 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन की व्यवस्था सरकार करे. इसके अलावा किसानों के कर्ज की पूर्ण माफी दी जाए. इसके अलावा एमएसपी गारंटी कानून लाया जाए. इसके अलावा भी कई मांगे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि पहले हुई बैठकों में किसानों की पेंशन, कर्जमाफी की मांग पर सरकार ने सकारात्मक रुख दिखाया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि आज की बैठक में सरकार इन दोनों मांगों को मान सकती है और एमएसपी गारंटी कानून के लिए कमेटी गठित कर सकती है.
पूरे हरियाणा में किसान आंदोलन की रणनीति बनाने के लिए भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप की कुरुक्षेत्र में आज 18 फरवरी को बैठक है. इसमें आंदोलन से संबंधित सभी कमेटियों को बुलाया गया है. यह ग्रुप अब आंदोलन में कूद चुका है और इसने 16 तारीख को राज्य के सभी टोल प्लाजा को 12 से 3:00 तक के लिए फ्री करवाया था और तहसीलों में ट्रैक्टर मार्च निकाला था अब देखना यह है कि आज क्या फैसला होता है.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मांग के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि अगर एमएसपी बढ़ाया गया, तो महंगाई बढ़ जाएगी. ऐसे में किसानों को सरकार से लड़ने के लिए सभी तरह से तैयार रहना होगा. टिकैट ने कहा कि यहां से भी कई लोग राजनीतिक पार्टियों से जाकर हाथ मिलाएंगे. उन्होंने कहा कि ये लड़ाई पूंजीपतियों के खिलाफ है. अगर आप सोते रहे, तो 2047 तक आपकी 70 फीसदी जमीन पूंजीपतियों को सौंप दी जाएगी. उन्होंने कहा कि महंगी जमीन व्यापारी खरीदते हैं, लेकिन किसान सस्ती जमीन खरीदे हैं. लेकिन हमें जमीन नहीं बेचनी है. हमें फसल बेचकर गुजारा करना है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today