मध्य प्रदेश के सनावद में कृषि उपज मंडी में गुरुवार को जमकर हंगामा हुआ. बताया जा रहा है कि जब एक व्यापारी किसानों का भुगतान लेकर फरार हो गया तो गुस्साए किसानों ने हंगामा मचा दिया. घटना के बारे में तब पता लगा जब मंडी सचिव ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. इस शिकायत में 100 से ज्यादा प्रभावित किसानों की लिस्ट दी गई. दरअसल यह सारा विवाद साईराम ट्रेडिंग कंपनी के अनिल मालाकार की तरफ से खरीदी गई चने की उपज का भुगतान न किए जाने को लेकर हुआ. इस वजह से करीब 150 किसान परेशान हैं.
किसानों को एक हफ्ते के अंदर भुगतान का भरोसा भी दिलाया गया था लेकिन फिर भी उन्हें पेमेंट नहीं की गई. 15 दिन बीत जाने के बाद भी किसानों को उनका बकाया नहीं मिला और इस वजह से वह हंगामा काटने को मजबूर हुए. गुरुवार को स्थिति तब और बिगड़ गई जब किसान अपना असंतोष व्यक्त करने के लिए मंडी कार्यालय में इकट्ठा हुए. व्यापारी के खिलाफ तुरंत भुगतान और एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई. गुस्साए किसानों ने बाजार की गतिविधियों को भी बाधित किया और यहां तक कि अनाज तौल प्रक्रिया को रोकने की मांग की.
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अशांति के जवाब में मंडी सचिव बीएस चौहान, व्यापारी अनिल मालाकार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस स्टेशन पहुंचे. आवेदन जमा करने के उनके भरोसे के बाद किसान शांत हुए और तब जाकर में स्थिति सामान्य हो सकी. किसानों का आंदोलन करीब तीन घंटे तक चला. इस दौरान एसआई बीएस रावत और आरसी गेहलोद सहित पुलिसकर्मियों ने किसानों को शांत करने के लिए हस्तक्षेप किया.
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इस घटना की वजह से आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में किसान पुलिस स्टेशन पहुंचे. इस वजह से व्यापारी की और कई भी हरकतें सामने आ गईं. शिकायत की वजह से अधिकारियों ने सालाखेड़ी में व्यापारी की फैक्ट्री को सील करने के लिए कदम उठाए हैं. यह घटना किसानों के सामने अपनी उपज के लिए उचित भुगतान सुनिश्चित करने और उनके हितों की रक्षा के लिए प्रभावी बाजार नियमों की जरूरतों पर भी जोर डालती है.
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