किसानों को फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य देना जायज है. किसान घाटे में कब तक खेती करेगा, उनका भी परिवार है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिजनेस टुडे को इंटरव्यू में यह बात कही. उन्होंने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ी है. खेती-किसानी के विकास और उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार की रणनीति में कई बिंदु शामिल किए गए हैं जिन पर काम किया जा रहा है. फसल विविधीकरण शुरू हो गया है, सिंचित भूमि के लिए और नए बीजों पर काम किया जा रहा है. देश दुनिया का फूड बास्केट बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. चावल समेत अन्य खाद्यान्न के निर्यात में बढ़ोत्तरी हो रही है. कृषि मंत्री ने कृषि और किसानों के लिए किए जा रहे कार्यों का रोडमैप सामने रखा.
बिजनेस टुडे से बातचीत के दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूछा गया कि मोदी सरकार ने 2016 में वादा किया था कि 2022 तक किसानों की आमदनी को डबल कर देंगे, वह वादा वक्त से बहुत पीछे चल रहा है. इस पर केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों की आमदनी बढ़ी है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी हैं. कृषि मंत्री ने कहा कि मैं इससे सहमत नहीं हूं की किसानों की आमदनी नहीं बढ़ाई गई है. पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 साल में खेती में कई क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं. हमारी जो रणनीति है वह किसानों की आमदनी बढ़ाने की है. उसके साथ साथ देश की खाद्य सुरक्षा पक्की करने की है.
कृषि मंत्री ने कहा कि आज हमारी आबादी 140 करोड़ है और यह बढ़कर 2047 तक 160 करोड़ हो जाएगी, तो खाने पीने की चीजों का उपयोग ज्यादा होगा तो खपत भी ज्यादा होगी. उस नजरिए से हमें देश की जरूरत को भी पूरा करना है तो वहीं किसानों की आमदनी बढ़ाने के प्रयास लगातार जारी रहें और हम देश की खाद्य जरूरतों को भी पूरा करें. कृषि मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी का और हमारा सपना है कि भारत में क्षमता है दुनिया का फूड बास्केट बनने की. हम न केवल अपनी बल्कि दुनिया की खाद्य जरूरत को भी पूरा करें, उस दिशा में हम बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि अकेले अगर मैं चावल की बात करूं तो 40,000 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट इस साल किया गया है. हमारे शरबती गेहूं की धूम पूरी दुनिया में है. निर्यात की संभावनाएं अनंत हैं.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की कृषि और किसानों को लेकर रणनीति के तहत कुछ बिंदुओं पर अधिक फोकस करना है, जिनमें शामिल हैं - फसलों का उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, उत्पादन का ठीक दाम देना और लाभकारी मूल्य देना, जलवायु बदलाव को देखते हुए प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान की भरपाई करना, खेती का विविधीकरण और वैल्यू एड करना. इसके अलावा सरकार की प्रमुखता में धरती को आने वाली पीढ़ियों के लिए बनाकर रखने के लिए नेचुरल फार्मिंग पर फोकस करना है. ताकि 50 साल बाद भी धरती उपज देती रहे.
कृषि मंत्री ने कहा कि इन बिंदुओं पर सरकार काम कर रही है. यह सब अचानक से नहीं हो जाएगा, धीरे-धीरे इस पर काम किया जा रहा है.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इसके अलावा कुछ जरूरी बाते हैं जिन पर सरकार का फोकस है. उन्होंने कहा कि सिंचाई के रकबे को बढ़ाने की आज भी बहुत गुंजाइश है. मध्य प्रदेश में जब मुख्यमंत्री बना तो सिंचित जमीन का रकबा केवल 750 लाख हेक्टेयर था हम उसे बढ़ाकर 50 लाख हेक्टेयर पर ले गए. अभी जो कम चल रहा है उससे 70 लाख हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित रकबा हो जाएगा. अब तो केन-बेतवा नदी रिवरलिंकिंग प्रोजेक्ट स्वीकृत कर दिया गया है तो 20 लाख एकड़ क्षेत्र तो इससे सींचा जा सकेगा. अभी भी कई नदियां हैं, जिनमें खूब पानी है उनके पानी को वहां ले जाया जा सकता है जहां पानी की कमी है.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि बीज उत्पादन बढ़ाना हमारी रणनीति का हिस्सा है. बीज उत्पादन के लिए हमारे पास भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद है, जिसके तहत 5,500 वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं में काम कर रहे हैं. पिछले दिनों पीएम मोदी ने 65 फसलों की 109 किस्मों के नए बीज किसानों के लिए जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि हमने किसानों के लिए बाजरे का एक बीज बनाया है, जिसमें 70 दिन में फसल तैयार हो जाएगी. आमतौर पर बाजारा 110 से लेकर 120 दिन के बीच में आता है. नए बीजों से किसानों का समय बचेगा, जल्दी कटेगा और दूसरी फसल के लिए भी गुंजाइश बनेगी. धान की एक वैरायटी विकसित की है जिसमें 30 फीसदी पानी कम लगेगा. इस किस्म को रोपाई की बजाय सीधे बोया जा सकेगा. इससे पानी तो बचेगा ही, मजदूरी लागत और समय भी बचेगा.
कृषि मंत्री ने कहा कि फसलों की लागत घटाने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं. आज किसान यूरिया हाथ से फेंकता है तो कहीं ज्यादा यूरिया गिरती है कहीं कम. लेकिन, अब हम इसके लिए ड्रोन का इस्तेमाल करेंगे. आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करेंगे तो लागत कम आएगी. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में कहा कि वह तीन गुना ज्यादा तेजी से काम करेंगे. कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि और किसान कल्याण विभाग और ग्रामीण विकास विभाग भी तीन गुना तेजी से काम करेगा.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि अच्छे बीज उत्पादन से लागत घटेगी, किसान का प्रॉफिट बढ़ेगा. खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना होगा. किसान फायदे की खेती करते रहें. उन्होंने कहा कि अभी एमएसपी देना निश्चित तौर पर जरूरी है. उन्होंने कहा कि किसान घाटे की खेती कैसे करेगा. किसान को पेट भरना है, उनके बच्चों की पढ़ाई है, बेटी की शादी करना है और दूसरे काम करना है. केंद्र सरकार फसल की लागत पर 50 फीसदी प्रॉफिट जोड़कर एमएसपी तय कर रही है. कृषि मंत्री ने कहा कि एमएसपी देने का फैसला उत्पादन की लागत पर 50 फीसदी केंद्र की सरकार ने किया है, यह जायज है. हमें उत्पादन बढ़ाने और लागत घटाने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना होगा. किसानों को क्वालिटी के अनुकूल उत्पादन के लिए जागरूक करना होगा.
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि खेती का पैटर्न अब बदल रहा है. विविधीकरण के चलते हमारा हॉर्टिकल्चर का प्रोडक्शन लगातार बढ़ता जा रहा है. फसल विविधीकरण एकदम नहीं होगा. धीरे धीरे बदलाव आता है. हम उसको कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि डायवर्सिफिकेशन के लिए सुनियोजित रणनीति पर काम किया जा रहा है. बहुफसली परंपरा को अपनाने को बढ़ावा दिया जा रहा है. खेती की विकास गति को लेकर कृषि मंत्री ने बताया कि हमारी एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट 4.6 फीसदी है.
कांग्रेस के एमएसपी गारंटी देने को मुद्दा बनाने को लकेर कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू जी ने 1947 से लेकर 1950 के बीच लाल किले से अपने संबोधन में केवल एक बार किसान का नाम लिया और उसके बाद 1951 से 1958 तक कभी किसान का नाम तक नहीं लिया. कृषि मंत्री ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और हैं. यह किसान को केवल वोट बैंक मानते हैं. कृषि मंत्री ने आगे कहा कि ये कांग्रेस थी जिसने कैबिनेट नोट में एमएसपी 50 फीसदी लागत पर जोड़कर देना चाहिए, उससे इनकार कर दिया था और कहा था कि इससे बाजार बिगड़ जाएगा.
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