धुआं लगभग छंट चुका है, आम आदमी पार्टी का टिकट कट चुका है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की फसल उजड़ गई है. केजरीवाल की फसल खराब करने और भाजपा के कमल के लिए खेत तैयार करने में शिवराज सिंह की भी अहम भूमिका रही है. दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं और अभी रुझानों में बीजेपी ने बहुमत हासिल कर लिया है. खुद आम आदमी पार्टी के सर्वेसर्वा अरविंद केजरीवाल अपनी नई दिल्ली सीट पर लगभग 3 हजार वोटों से हार चुके हैं. लेकिन भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की सियासी जमीन पर 27 सालों से कमल खिलाने की कोशिश में थी. भाजपा के कमल के लिए दिल्ली की जमीन को सींचने में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने इस चुनाव में अहम रोल निभाया है. शिवराज दिल्ली चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल थे और आम आदमी के साथ ही चुनाव के केंद्र में दिल्ली के किसानों के मुद्दों पर मुखर रहे.
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने एक नहीं बल्कि अनको मौकों पर दिल्ली के किसानों की समस्याओं को इस चुनाव के अहम मुद्दों में जगह दी है. शिवराज ने हर मंच से कहा है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार दिल्ली के किसानों को केंद्र की कृषि योजनाओं का लाभ नहीं देती है. कुछ दिन पहले शिवराज सिंह ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी को इस मुद्दे पर चिट्ठी लिखकर नाराजगी भी जताई थी. इतना ही नहीं शिवराज सिंह लगातार दिल्ली के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात करते रहे और उनकी दिक्कतों को अपने चुनावी एजेंडे में प्रमुखता से जगह दी. शिवराज के ये प्रयास दिल्ली चुनाव में जनता और खासतौर पर किसानों का रुख बदलने में कामयाब रही.
शिवराज सिंह ने दिल्ली के किसानों के लिए सिर्फ 'चुनावी सिंचाई' के लिए ही काम नहीं किया है, बल्कि हर मंगलवार वह अपने आवास पर देशभर के किसानों और किसान संगठनों से उनकी समस्याओं पर चर्चा करते हैं, इस साप्ताहिक मुलाकातों में शिवराज दिल्ली के किसानों से भी मिलकर उनकी दिक्कतें सुनते हैं. जनवरी में आजतक से बातचीत करते हुए शिवराज ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाए थे कि अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिल्ली के किसानों तक नहीं पहुंचाते. शिवराज ने कहा था कि दिल्ली के किसानों को तो किसान का दर्जा तक नहीं दिया जाता है. बता दें कि दिसंबर 2024 में कृषि मंत्री ने दिल्ली के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को अपने आवास पर बुलाकर उनकी समस्याएं सुनी थीं और उन्हें हल करने का भरोसा दिया था. इतना ही नहीं शिवराज ने एक बड़ा मुद्दा ये भी उठाया था कि दिल्ली के पास अपना कृषि मंत्री नहीं है और ऐसे में दिल्ली के किसान अपनी समस्याओं को लेकर कहां जाएंगे. शिवराज सिंह ने ये भी कहा था कि अगर दिल्ली में भाजपा की सरकार बनती है तो दिल्ली के लिए एक कृषि मंत्री भी बनाएंगे.
अरविंद केजरीवाल, आईआईटी से पढ़े, पूर्व आईआरएस अधिकारी, परिवर्तन की मुहिम, पॉलिटिकल स्टार्टअप (AAP), पार्टी बनाते ही 2013 में ताजपोशी, 49 दिन की सरकार... नीली वैगनआर, 2025 में शर्मनाक हार और हार के वोट करीब 3 हजार. अगर कम शब्दों में लिखा जाए तो अरविंद केजरीवाल का लेखाजोखा यही रहा है. इस चुनाव में केजरीवाल ने केवल सत्ता से बेदखली नहीं पाई बल्कि, ये सबक भी पाया है कि उनकी आम आदमी पार्टी से आम आदमी का ही भरोसा दरक चुका, सरक चुका है.
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