धान खरीद की धीमी प्रक्रिया और उठान में देरी से नाराज किसानों ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने बरनाला उपचुनाव में भाजपा और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को दफ्तर और घर के बाहर नारेबाजी करते हुए डेरा जमा लिया है. किसानों ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार किसानों की समस्याओं और मुद्दों का समाधान नहीं कर रही हैं और फसल बिक्री को लेकर उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के कार्यकर्ताओं ने धीमी धान खरीद और उठान में देरी का विरोध जताते हुए पंजाब के बरनाला में होने वाले उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार केवल सिंह ढिल्लों के आवास और आप उम्मीदवार हरिंदर सिंह धालीवाल के बरनाला स्थित चुनाव कार्यालय के पास ‘पक्के मोर्चे’ शुरू कर दिए हैं. यहां जुटे कार्यकर्ताओं ने किसानों से किए गए वादों को पूरा न करने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की.
बीकेयू (एकता उगराहां) के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि सीएम भगवंत मान ने वादा किया था कि धान पीआर-126 किस्म का एक-एक दाना खरीदा जाएगा, लेकिन अब किसानों को इसे बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि किसानों को धान की पराली के प्रबंधन के लिए वादे के अनुसार प्रति क्विंटल 200 रुपये भी नहीं दिए जा रहे हैं.
जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि किसानों को आश्वासन दिया गया था कि 17 फीसदी से अधिक नमी वाली उनकी पूरी धान की फसल खरीदी जाएगी, लेकिन अब ऐसा नहीं किया जा रहा है. उन्होंने डीएपी खाद की कमी पर भी चिंता जताई. उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों को परेशान करने के लिए कॉरपोरेट घरानों ने यह कमी पैदा की है. अन्य किसान नेताओं ने भी समस्याओं पर ध्यान न देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की.
बीकेयू उगराहां की ओर से कहा गया कि पराली प्रबंधन के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं किए जाने से किसानों परेशान हैं. जबकि, अधिकारी धान की पराली जलाने के लिए किसानों के खिलाफ मामले दर्ज कर रहे हैं. केंद्र सरकार कह रही है कि उसने धान खरीद के लिए पंजाब सरकार को 40,000 करोड़ रुपये दिए हैं. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद राज्य की खरीद एजेंसियां धान नहीं खरीद रही हैं.
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