बिहार में भूमि सर्वे के काम के दौरान ही विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने पार्टी के 'एक व्यक्ति एक पद' के सिद्धांत के तहत अपने पद से इस्तीफा दिया. वहीं दिलीप जायसवाल ने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान विभाग में कई हुए ऐतिहासिक काम हुए हैं.
बिहार विधानसभा सभा चुनाव से ठीक पहले बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ जिसमें बीजेपी कोटे के सात विधायक मंत्री बनाए गए. लेकिन इस खबर के साथ एक बड़ी खबर यह भी है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. वह भी उन्हें ऐसे समय में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है जब राज्य में भूमि सर्वे का काम तेजी से चल रहा है. जमीन सर्वे को लेकर बिहार के लोगों में काफी उत्सुकता देखने को मिला रही है. लोगों का मानना है कि देर-सबेर जमीन से जुड़े विवाद इस सर्वे के बाद खत्म हो जाएंगे.
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री दिलीप जायसवाल ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए कहा कि बीजेपी का एक सिद्धांत है कि एक व्यक्ति एक ही पद पर काबिज रह सकता है. वहीं बीजेपी ने एक महत्वपूर्ण जिम्मेवारी मुझे अध्यक्ष बनाकर दिया है. हालांकि इनके मंत्री पद से इस्तीफे के साथ ही जानकारों का कहना है कि भूमि सर्वे के काम की गति पर कुछ खास असर नहीं होने वाला है.
वरिष्ठ पत्रकार सुनील कुमार पांडेय कहते हैं कि दिलीप जायसवाल का मंत्री पद से इस्तीफा केवल राजनीतिक और पार्टी हित में निर्णय है. उनके मंत्री नहीं रहने से भूमि सर्वे के काम में किसी तरह का कोई रोड़ा नहीं आने वाला है. उन्होंने पार्टी के नियम अनुसार एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर अपने पद से इस्तीफा दिया है. वहीं राज्य में विधानसभा का चुनाव है. इस समय मंत्री पद से ज्यादा उन्हें अध्यक्ष पद पर काबिज रहते हुए पार्टी को मजबूत करना है. वैसे भी दिलीप जायसवाल ऐसे मंत्री रहे हैं जो विभागीय कार्यों में बेवजह हस्तक्षेप नहीं करते थे. जायसवाल ने कहा कि मेरी क्षवि ईमानदार मंत्री के रूप में रही है. मैंने अपने कार्यकाल के दौरान विभागीय काम को पूरा डिजिटल करने का काम किया है.
नीतीश सरकार की ओर से शुरू किया गया भूमि सर्वे का काम इतना भी आसान नहीं है. राज्य में होने वाली अधिकांश आपराधिक घटनाएं जमीन से जुड़ी ही होती हैं. अगर बिहार सरकार भूमि सर्वे का काम पूरा कर लेती है तो यह देश में यह एक नया इतिहास बन जाएगा. जहां बीते कई दशकों से राज्य में भूमि सर्वे का काम हुआ ही नहीं है और किसान इसके इंतजार में टकटकी लगाए बैठे हैं. वहीं राज्य में सर्वे का काम जारी है. हालांकि जिस तरह से राज्य में जमीन का मामला पेचीदा है, उसी तरह सर्वे का काम भी काफी कठिन होने वाला है.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today