लखनऊ में शुरू हुई क्राफ्ट काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश की रियासत प्रदर्शनी में थारू जनजाति के कारीगरों ने दिल जीत लिया है. इस प्रदर्शनी में थारू जनजाति की महिलाएं अपने हाथों के बने हुए सामान को लेकर आई हैं. इन सामान की खासियत यह है कि इसमें आपको बांस, जूट, मूंज और लकड़ी के बने हुए सामान मिलेंगे.
जिसमें मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं मूंज की बनी हुई टोकरियां, रोटी रखने के डिब्बे और बांस के साथ ही जूट से बनी हुई बड़ी-बड़ी छतरियां जिसको अमूमन धूप से बचने के लिए थारू जनजाति के लोग इस्तेमाल करते हैं, लेकिन लखनऊ वालों को भी यह खूब पसंद आ रहे हैं.
यही वजह है कि लोग इन सामानों को हाथों-हाथ खरीद रहे हैं. इन बेहद खूबसूरत और आकर्षित ऑर्गेनिक सामानों की कीमत 600 रूपए से शुरू है और लगभग हजार रुपए तक है. इतना महंगा होने के बावजूद लोग इन सामानों को हाथों हाथ खरीद रहे हैं और खूब पसंद कर रहे हैं.
अलीगंज के ललित कला अकादमी में चल रही सात दिवसीय इस प्रदर्शनी में वंदना श्रीवास्तव जो पिछले 17 साल से लकवा हो जाने की वजह से बिस्तर पर हैं, उन्होंने मधुबनी पेंटिंग को नया लुक देकर पेश किया है. उनकी इन खूबसूरत मधुबनी मॉडर्न पेंटिंग को इस प्रदर्शनी में लेकर आई हैं.
जूही ने बताया कि उनकी मम्मी पिछले 17 साल से बिस्तर पर हैं. उन्हें लकवा हो गया है लेकिन इन खूबसूरत पेंटिंग को उन्होंने ही बनाया है. मधुबनी पेंटिंग को मॉडर्न किया जा सकता है, यह किसी ने नहीं सोचा होगा.
जूही ने बताया कि यही वजह है कि लखनऊ के लोगों को यह पेंटिंग भी खूब पसंद आ रही है और लोग इन्हें खरीद भी रहे हैं. इन पेंटिंग की कीमत ढ़ाई हजार से लेकर 6 हजार रुपये तक है.
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