पिछले कुछ सालों खेती-किसानी के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल बढ़ा है. खेतों की जुताई से लेकर फसलों की कटाई तक और अनाजों के भंडारण तक में मशीनों का उपयोग हो रहा है. पिछले कुछ सालों से एग्री ड्रोन को खूब प्रमोट किया जा रहा है.
एग्री ड्रोन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र से लेकर कई राज्यों में अलग-अलग योजनाएं भी चलाई जा रही हैं, लेकिन देश में अभी भी ऐसे अधिकांश किसान हैं जिनके पास ड्रोन से जुड़े कई सवाल हैं. आइए जान लेते हैं कि ड्रोन खेती-किसानी में कितना फायदेमंद होता है.
किसी भी फसल से अच्छी पैदावार पाने के लिए खाद-पानी उसकी पहली जरूरत होती है. कीट और रोग से सुरक्षा के लिए दवाओं का भी छिड़काव किया जाता है. अगर आप पारंपरिक तरीके की बजाय ड्रोन से खाद और कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं तो इसके एक-दो नहीं बल्कि चार फायदे मिलते हैं.
कम समय में काम: एग्री डोन बहुत ही कम समय में आपका काम पूरा करते हैं. आमतौर पर एक बार में ड्रोन में लगभग 10 लीटर खाद या कीटनाशक को लिक्विड फॉर्म में भरा जाता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक लगभग 6 मिनट में ही आप एक एकड़ के खेत में दवाओं का छिड़काव कर लेंगे. जबकि स्प्रेयर मशीन से यही काम करने में घंटों का समय लग जाता है.
बिना मेहनत के होगा काम: स्प्रेयर मशीन से खाद-कीटनाशक का छिड़काव करने वाले लोग जानते होंगे कि इसे कंधे पर टांग कर स्प्रे करना बहुत मुश्किल होता है. एक तो भारी-भरकम मशीन ऊपर से पूरे खेत में चलना मेहनत भरा काम होता है. आप एग्री ड्रोन की मदद से एक जगह खड़े रहकर केवल रिमोट के माध्यम से ये काम चुटकियों में पूरा कर लेंगे.
बराबर मात्रा में मिलता है पोषण: ड्रोन से खाद-कीटनाशक और अन्य दवाओं का छिड़काव करने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि जितनी पौधे को जरूरत होती है उसे उतनी ही मात्रा में दवा मिलता है. हाथ से छिड़काव करने पर कई बार कम-ज्यादा दवाएं पड़ती है जिससे कई बार पौधों में नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलती है.
घर पर आसानी से कर सकते हैं चार्ज: एग्री ड्रोन बैट्री से चलते हैं. एक बार चार्ज करने पर आप लगभग दो हेक्टेयर के खेत में दवाओं का छिड़काव कर सकते हैं. इसे घर पर इस्तेमाल की जाने वाली बिजली से भी चार्ज किया जा सकता है. एक्सपर्ट्स बताते हैं कि मात्र 40 मिनट में ही ड्रोन को फुल चार्ज किया जा सकता है.
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