राजस्थान में भीलवाड़ा जिले के बीगोद कस्बे में इन दिनों कश्मीरी एपल बैर की सुगंध से न केवल बगीचे महकने लगे हैं, बल्कि इनकी मिठास भी लोगों को जमकर पसंद आ रही है. इन दिनों बगीचों में एपल बैर से पौधे लदे हुए हैं, जिसकी मिठास से गांव और शहर के लोग हर साल आनंद उठाते हैं.
बीगोद कस्बे के प्रगतिशील किसान जमनालाल कुम्हार ने खेती में नवाचार करते हुए लोगों तक इन बैरों की मिठास पहुंचा कर अच्छा मुनाफा भी कमाया है. अब इससे उत्साहित इन्होंने अपने खेत में बगीचा लगाने की तैयारी शुरू कर दी है.
किसान जमना लाल कुम्हार ने अपने खेत पर कश्मीरी एपल बैर लगाने का निर्णय लिया और अपनी मेहनत से सफलता की कहानी गढ़ते हुए देशी खाद से इन बैर की फसल लेना शुरू किया. कश्मीरी एपल बैर की फसल कम खर्च में अच्छे मुनाफे वाली साबित हुई है जिससे किसान जमना लाल कुम्हार का चेहरा खिल उठा है.
किसान जमना लाल ने बताया कि चार वर्ष पूर्व अपने खेत के एक बीघा भूमि पर कश्मीरी एपल बैर के 150 पौधे लगाए थे. इसके बाद दो वर्ष से बगीचे से वह एक से डेढ़ लाख तक के एपल बैर अपने स्थानीय मंडी में बेच रहे हैं. उन्होंने बताया कि वो पूरे वर्ष में पौधों को एक बार देशी और एनपीके खाद देते हैं.
जमना लाल को कश्मीरी एपल बैर की खेती से काफी कम खर्च में अच्छा मुनाफा मिला रहा है. वहीं इस बैर का स्वाद काफी मीठा होता है, जिससे लोग इसे काफी पसंद करते हैं. कश्मीरी एपल बैर से मिल रहे अच्छे मुनाफे से उत्साहित किसान जमना लाल कुम्हार अपने खेत पर एक और बगीचा तैयार करने में जुटे हैं.
वहीं कश्मीरी एपल बैर के बारे में बताते हुए बीगोद के कृषि अधिकारी सत्यनारायण जाट ने कहा कि किसान इस बैर की फसल लगा कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं. एपल बैर की कम खर्च में अच्छे मुनाफे वाली खेती है, जिसके प्रति किसानों का रुझान भी बढ़ता जा रहा है.
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